श्री बाल रामलीला नाट्य कला मंदिर में लंका दहन रामलीला का भव्य मंचन

मोहित गुप्ता मंडल संवाददाता

 

शाहाबाद/हरदोई। श्री बाल रामलीला नाट्य कला मंदिर, चौक स्थित रामलीला मैदान में नवें दिवस सुग्रीव मित्रता बालि वध, लंकादहन लीला का मंचन आरती पूजन अर्चन के बाद किया गया। मर्यादा पुरुषोत्तम राम की पूजा अर्चना व आरती विशिष्ट अतिथि भाजपा नेता राजेन्द्र प्रसाद मिश्रा ने मेला कमेटी व अपने सहयोगियों के साथ की। तत्पश्चात वृन्दावन के मेहमान कलाकारों ने सुग्रीव मित्रता, बालि वध और लंका दहन का मंचन किया, मंचन में मेहमान कलाकारों ने अपने अभिनय से दर्शकों को आकर्षित किया। जिसे देखकर दर्शकों की आंखें खुशी से छलक उठीं, बालि वध, लंका दहन होते ही मेला पंडाल श्री राम के जयकारों से गूंज उठा।

 

….लीला मंचन के दौरान स्वर्ण मृग मरीचिका न मिलने पर राम व लक्ष्मण पंचवटी लौटते हैं। सीता मैया को खोजते हुए दोनों भाई भील सबरी के घर पहुंचते हैं, जहां सबरी असीम प्रेम में श्रीराम को जूठे बेर खिलाती है। राम अपने भाई लक्ष्मण के साथ माता सीता को ढूढ़ते हुए किष्किंधा पर्वत पर पहुंचते हैं, जहां हनुमान से भेंट होने के साथ ही सुग्रीव से मित्रता हो जाती है। सुग्रीव से पर्वत पर रहने का कारण पूछकर श्रीराम के कहने पर सुग्रीव ने बाली को युद्ध के लिए ललकारा, सुग्रीव और बाली के बीच जोरदार संवाद और देर तक युद्ध चला, इसके बाद प्रभु राम ने बाली का वध किया। इसके बाद सुग्रीव ने माता सीता की खोज के लिए हनुमान जी को लंका भेजा, लंका पहुंचने पर हनुमान विभीषण के पास जाते हैं, वह उन्हें माता सीता के अशोक वाटिका में रखे जाने की जानकारी देता है। माता सीता से भेंट के दौरान हनुमान उन्हें प्रभु राम की निशानी अंगूठी देते हैं। भूख लगने पर वह सीता की आज्ञा पाकर अशोक वाटिका में जाकर भरपेट फल खाते हैं। जब राक्षस उन्हें रोकते हैं तो वे उनका वध कर देते हैं। रावण का छोटा पुत्र अक्षय कुमार हनुमान के हाथों वीरगति को प्राप्त होता है। रावण क्रोधित होकर हनुमान की पूछ में आग लगाने का आदेश देते है। हनुमानजी अपना पराक्रम दिखाते हुए उसी जलती हुई पूछ से लंका को आग लगाकर दहन कर राम जी के पास आते है।

 

…..विशिष्ट अतिथि भाजपा नेता राजेन्द्र मिश्रा ने कहा रामलीला हमारी संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, यह आयोजन हमें हमारे पूर्वजों की कहानियों से जोड़ता है और हमें अच्छाई और सच्चाई के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। उन्होंने मेला कमेटी और युवा टीम की तारीफ की।

 

….मेलाध्यक्ष चौधरी उमेश गुप्ता ने कहा, हमें खुशी है कि हमारे आयोजन को इतनी अच्छी प्रतिक्रिया मिली। हमें उम्मीद है कि आगे भी हम ऐसे आयोजन करते रहेंगे जो हमारी संस्कृति और परंपरा को बढ़ावा देंगे। इस आयोजन में नगर के विभिन्न हिस्सों से आए दर्शकों ने भाग लिया और रामलीला के मंचन की सराहना की। इस अवसर पर मेला कमेटी के संस्थापक राजेश बाबू वर्मा, सरंक्षक रमाकांत मिश्रा, महामंत्री वाशू वर्मा, उपाध्यक्ष भोले त्रिवेदी, संयोजक ज्ञानेन्द्र अवस्थी धीरू, आरती मिश्रा, देवेश अवस्थी, रमेश सैनी, राहुल श्रीवास्तव, मंगू गुप्ता, देवेन्द्र गुप्ता, पुष्कर हैहयवंशी, श्याम जी गुप्ता, दीपक बाजपेयी आदि सहित सैकड़ों की संख्या में दर्शक गण उपस्थित रहे, जिन्होंने लीला को देखकर तालियां बजाकर अपनी प्रतिक्रिया दी, और कलाकारों की भूरि भूरि प्रशंसा की।

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