कृषक दुर्घटना बीमा में प्राप्त दावों को प्रत्येक दशा में 02 सप्ताह में जांच कर संस्तुति सहित उप जिलाधिकारियों को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें- जिलाधिकारी

मृदुल कुमार कुलश्रेष्ठ सिटी रिपोर्टर मैनपुरी

 

 

मैनपुरी 10 अक्टूबर, 2024- जिलाधिकारी अंजनी कुमार सिंह ने कृषक दुर्घटना बीमा की बैठक में 304 दावों पर चर्चा करते हुए तहसीलदारों को निर्देशित किया कि कृषक दुर्घटना बीमा में प्राप्त दावों को प्रत्येक दशा में 02 सप्ताह में जांच कर संस्तुति सहित उप जिलाधिकारियों को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें, पत्रावलियों को प्रेषित करने से पूर्व तहसील में कृषक दुर्घटना बीमा की पंजिका में प्रत्येक प्रकरण की प्रविष्टि की जाए, पत्रावली को कंप्यूटर में भी संरक्षित रखा जाए। उन्होंने कहा कि उप जिलाधिकारी, तहसीलदार से प्राप्त पत्रावलियों का अपने स्तर से 01 सप्ताह में क्रॉस वेरिफिकेशन कराकर अपनी सुस्पष्ट आख्या उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें, प्रस्तुत दावे किसी भी दशा में तहसीलदार, उप जिलाधिकारी कार्यालय में लंबित न रहें। उन्होने कहा कि योजना के अन्तर्गत कृषक की परिभाषा का विस्तार किया गया है, खतौनी में दर्ज खातेदार, सह खातेदार के साथ-साथ परिवार के ऐसे कमाऊ सदस्य जिनकी आजीविका का मुख्य श्रोत खातेदार, सह खातेदार के नाम दर्ज भूमि से होने वाली कृषि आय है तथा जिनकी जीविका का मुख्य साधन ऐसे पट्टे अथवा बटाई पर ली गयी भूमि पर कृषि कार्य है, को सम्मलित किया गया है।

श्री सिंह ने कहा कि दुर्घटना में मृतक कृषक के परिजनों को 90 दिन में दावा प्रस्तुत करना होगा यदि किसी खातेदार, सह खातेदार के परिजन निर्धारित अवधि में दावा प्रस्तुत नहीं कर पाते हैं तो वह अद्योहस्ताक्षरी से अनुमति के उपरांत अगले 90 दिन यानि कुल 180 दिन के भीतर प्रत्येक दशा में दावा प्रस्तुत करें अन्यथा की दशा में योजना में लाभ अनुमन्य नहीं होगा। उन्होने कहा कि कृषक के बटाईदार होने की स्थिति में जमीन के स्वामी से प्रमाण पत्र देना होगा कि उसकी जमीन पर सम्बन्धित बटाईदार द्वारा खेती की है, बटाईदार की जमीन का स्वामी नही होने की दशा में प्रधान, लेखपाल के संयुक्त प्रमाण पत्र के आधार पर उसको लाभ दिलाया जाये।

जिलाधिकारी ने एल.बी.सी. को निर्देशित किया कि प्रत्येक माह कृषक दुर्घटना बीमा योजना की बैठक कराना सुनिश्चित करें, सभी आवेदन पत्रों की गहनता से जांच कर सन्तुष्ट होने पर ही आगे रिपोर्ट भेजी जाए, मृत्यु की दशा में पोस्टमार्टम रिपोर्ट अथवा जहॉ पर पोस्टमार्टम सम्भव नहीं है, वहॉ पंचनामा, सॉप, अन्य विषैले जीव-जन्तु के काटने से कृषक की मृत्यु की दशा में पोस्टमार्टम रिपोर्ट, स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सक, मुख्य चिकित्साधिकारी का प्रमाण पत्र मान्य होगा। उन्होने कहा कि आग लगने, बाढ, बिजली गिरने, करंट लगने, सॉप के काटने, जीव-जन्तु, जानवर द्वारा काटने, आक्रमण से, समुद्र, नदी, झील, तालाब, पोखर व कुएं में डूबने, ऑधी-तूफान, वृक्ष से गिरने, दबने, मकान गिरने, रेल, रोड, वायुयान, अन्य वाहन आदि से दुर्घटना, भू-स्खलन, भूकम्प, गैस रिसाव, विस्फोट, सीवर चैम्बर में गिरने अथवा अन्य किसी कारण से कृषक की दुर्घटनावश मृत्यु, दिव्यांगता होती है, तो कृषक, विधिक वारिसों को इस योजना के अन्तर्गत आर्थिक सहायता अनुमन्य होगी।

बैठक में अपर जिलाधिकारी राम जी मिश्र, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आर.सी. गुप्ता, उप जिलाधिकारी सदर, भोगांव, कुरावली, किशनी अभिषेक कुमार, संध्या शर्मा, राम नारायण, गोपाल शर्मा, राजस्व अधिकारी ध्रुव शुक्ला, समस्त तहसीलदार, एल.आर.सी. विनय यादव आदि उपस्थित रहे।

 

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