तहसीलदार न्यायालय से रिश्वत लेते पकडे गये प्राइवेट कर्मी ने उगले कई राज, कई कर्मचारियो की अटकी सांसे

मृदुल कुमार कुलश्रेष्ठ सिटी रिपोर्टर मैनपुरी

 

 

पेशकार के निलम्बन के बाद तहसीलदार न्यायालय का काम काज ठप्प

 

भोगांव। उपजिलाधिकारी एवं तहसीलदार दोनो प्रशासनिक अधिकारियो के बाबजूद भी तहसील मे दाखिल खारिज, फौती जैसे कार्याे को लेकर बादकारी जनता से विना सुविधा शुल्क के जब कोई कार्य नही होता है ऐंसी बात नही है कि इन अधिकारियो के सज्ञान मे मामला न हो उसके बाबजूद भी ऐसे कर्मचारियो के विरूद्ध कोई कारवाही न होना चर्चा का विषय बना हुआ है। तहसील क्षेत्र मे और भी कार्यालय स्थापित है उन कार्यालयो में क्या आलम होगा बो किसी से छिपा नही है। विगत दिनों तहसील न्यायालय मे तैनात पेशकार विपिन कुमार एंव प्राइवेट कर्मी हरीसिंह की सांठगांठ से लोगो से सुविधा शुल्क के नाम पर लाखो रूपये प्रतिमाह बसूले जाते है ऐसा गिरफ्तार हुये भ्रष्टाचार निवारण टीम को यह जानकारी दी है हालकि पेशकार विपिन कें विरूद्ध अभियोग पंजीकृत किया जा चुका है तब प्रशासनिक स्तर पर निलबंन की कारवाही की गई है।

ज्ञातव्य हों कि तहसील क्षेत्र के गांव गौशलपुर गढिया निवासी पिंकी मिश्रा पत्नी गोपाल मिश्रा ने विगत 27 दिसम्बर को आधा बीधा जमीन का बैनामा कराया था दाखिल खारिज को लेकर तहसीलदार न्यायालय मे विचाराधीन है दाखिल खारिज को लेकर सम्पूर्ण समाधान दिवस मे भी शिकायत दी थी लेकिन कोई कारवाही नही हुई थी। पिंकी मिश्रा ने भ्रष्टाचार निवारण शाखा आगरा से दाखिल खारिज करवाने के नाम पर रिश्वत मागने की शिकायत की थी। पकडे गये प्राइवेट कर्मचारी हरी सिह ने कई रहस्य टीम के सामने कबूले थे। उसने बताया कि पेशकार से सांठगांठ करके पीडितो से पैसे लेकर उनके कार्य करवाये जाते थे हरीसिंह ने टीम के सामने और भी कई रहस्य कबूले है जिससे आने बाले समय मे कुछ लोगो की मुसीबते बढ सकती है।

इनरबाक्स। एंटी करप्शन की टीम द्वारा एफआईआर दर्ज कराए जाने के बाद तहसीलदार के पेशकार को सस्पेंड कर दिया गया जिससे तहसील न्यायालय मे सभी काम ठप्प पड गये है इस मामले से जुड़े मुकदमे में अभी तक पत्रावली विपक्षी पार्टी के साक्ष्य में विचाराधीन चल रही है। पेशकार विपिन के सस्पेंड होने के बाद विगत तीन दिनो से तहसीलदार कोर्ट में ताला लटक रहा है जिससे वादकारी जनतां को निराश होकर लौटना पड़ रहा है। तहसीलदार कमलेश कुमार ने बताया कि नए पेशकार की नियुक्ति होते ही पत्रावलियों की सुनवाई शुरू करवाई जाएगी।

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