महिलाओं के हित संरक्षण कानून विषय पर दिनांक 07 अक्टूबर 2024 को किया गया विधिक जागरूकता शिविर

करतार सिंह पौनिया मण्डल प्रभारी आगरा 

 

*फिरोजाबाद* l राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राष्ट्रीय महिला आयोग संयुक्त तत्वाधान के तहत उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ व माननीय श्री हरवीर सिंह, जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण फिरोजाबाद के निर्देशानुसार मंगलवार को जिला पंचायत रिसोर्स सेंटर फिरोजाबाद पर श्री पीयूष सिद्घार्थ, सचिव/अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फिरोजाबाद की अध्यक्षता में महिलाआें के हित संरक्षण कानून विषय पर आंगनबाडी कार्यकर्ताआें के साथ विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में प्राधिकरण के सचिव/अपर जिला जज, श्री पीयूष सिद्घार्थ द्वारा बताया कि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार विधान से समाधान कार्यक्रम विशेष रूप से महिलाओं के अधिकारों और उन अधिकारों की सुरक्षा के लिए आवश्यक विधिक प्रावधानों पर आधारित है। भारत में महिलाओं के अधिकारों को सशक्त बनाने और समाज में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त करने के लिए अनेक महापुरुषों ने संघर्ष किया है। सती-प्रथा, दहेज-प्रथा जैसी कुप्रथाओं के विरुद्ध समाज सुधारकों ने लंबी लड़ाई लड़ी, जिनके परिणामस्वरूप 1829 में सती-प्रथा के उन्मूलन हेतु कानून लाया गया। किसी भी कुरीति को समाप्त करने के लिए सबसे पहले उसके विरुद्ध जन-जागरण और आवाज उठाने की आवश्यकता होती है, जो अंततः विधिक प्रावधानों का आधार बनती है।

इसके अतिरिक्त यह भी बताया कि महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा के लिए कुछ महत्वपूर्ण कानून निम्नलिखित हैं:

1. धारा 125 दंड प्रक्रिया संहिता: भरण-पोषण का अधिकार।

2. घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005: महिलाओं को घरेलू हिंसा से सुरक्षा।

3. कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013: कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से सुरक्षा।

4. धारा 498ए भारतीय दंड संहिता: दहेज उत्पीड़न के लिए दंड का प्रावधान।

5. भारतीय दंड संहिता: आत्मरक्षा का अधिकार।

6. मातृत्व लाभ अधिनियम: कामकाजी माताओं के लिए मातृत्व अवकाश।

7. बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006

8. हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम: संशोधन के तहत पैतृक संपत्ति में पुत्रियों को भी समान अधिकार।

9. महिलाओं के अभद्र चित्रण का निषेध: प्रिंट मीडिया या विज्ञापन में महिलाओं का अभद्र चित्रण प्रतिबंधित।

10. पोक्सो अधिनियम: नाबालिग बालिकाओं के विरुद्ध लैंगिक अपराधों के लिए कठोर दंड का प्रावधान।

इनके अतिरिक्त, जिला स्तर पर महिला थानों की स्थापना की गई है ताकि महिलाओं के विरुद्ध लैंगिक अपराधों के मामलों में संवेदनशीलता से कार्रवाई हो सके। साथ ही, पीड़िता की पहचान और नाम को गोपनीय रखने का विधिक प्रावधान भी है।

उक्त कार्यक्रम में मनोरमा मसीह, लीगल एड डिफेंस काउंसिल फिरोजाबाद ने लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम, मध्यस्थता, प्रीलिटीगेशन व एसिड अटैक के बारे में विस्तार से बताया।, अनुभूति दुबे नामिका अधिवक्ता ने उपस्थित महिलाआें को घरेलू हिंसा, भरण पोषण एवं महिला से सम्बन्धित अधिकारों के बारे में बताया।, श्री मिथलेश कुमार, जिला प्रोवेशन अधिकारी, फिरोजाबाद द्वारा पोक्सो एक्ट व पीडित क्षतिपूर्ति योजनाआें के बारे में बताया गया। श्री केसरी नंदन जिला कार्यक्रम अधिकारी फिरोजाबाद द्वारा महिला कल्याणकारी योजना के बारे में बताया गया।, थानाध्यक्ष मटसैना फिरोजाबाद श्रीमती रंजना गुप्ता ने महिला सुरक्षा सम्बन्धी जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन धनराज सिंह अपर जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा किया गया। श्री धर्मेन्द्र कुमार, प्राचार्य, जिला पंचायत रिसोर्स सेंटर फिरोजाबाद उपस्थित रहे। उपरोक्त कार्यक्रम को सफल बनाये जाने में कार्यालय के डाटा एन्ट्री आपरेटर श्री गोविन्द वर्मा, कनिष्ठ लिपिक श्री आशुतोष शर्मा, पराविधिक स्वयं सेवक कु० आकांक्षा, कु० रिचा, सोनपाल, राजकुमार धर्मेन्द्र द्वारा सहयोग दिया गया ।

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