नर्स के नेग में 5100 रुपये न देने पर हुई नवजात की हुई मौत के मामले में आया नया मोड़

अमित कौशिक  मैनपुरी

स्टाफ नर्स ने झूठे आरोप लगाकर फसाये जाने के सम्बंध में डीएम मैनपुरी को दिया प्रार्थना पत्र।

 

मैनपुरी के करहल सीएचसी पर स्टाफ नर्स के नेग में 5100 रुपये न देने पर नर्स ने 40 मिनट तक लेबर रूम में मेज पर रखे नवजात की हुई मौत के मामले में आया नया मोड़ ।नर्स ने बताया उसको साजिश के तहत स्टाफ के लोगो द्वारा झूठा फसाया जा रहा है।डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने भी इस मामले का लिया था संज्ञान। सीएमओ द्वारा गठित की गई तीन सदस्यीय टीम कर रही है मामले की जांच। स्टाफ नर्स ने झूठे आरोप लगाकर फसाये जाने के सम्बंध में डीएम मैनपुरी को दिया प्रार्थना पत्र।

थाना कुर्रा क्षेत्र के ग्राम ओन्हा पतारा निवासी सुजीत ने अपनी गर्भवती पत्नी संजली को प्रसव पीड़ा होने पर 18 सितंबर को करहल के सीएचसी पर

भर्ती कराया था जहां पर तैनात स्टाफ नर्स ज्योति और अन्य स्टाफ ने उसकी पत्नी की डिलीवरी कराई। 19 सितंबर की सुबह 4:00 बजे पत्नी ने एक पुत्र को जन्म दिया। सुजीत ने आरोप लगाया कि प्रसब के बाद उससे स्टाफ नर्स ज्योति भदौरिया ने नेग के तौर पर 51 सो रुपए की मांग की। रुपये नही देने पर नर्स ज्योति ने बच्चे को तब तक नही दिया जबतक रुपये नही ले लिए। जब इस मामले में स्टाफ नर्स ज्योति का पक्ष हमने जानने की कोशिश की तो स्टाफ नर्स के अनुसार कहानी कुछ और ही निकली स्टाफ नर्स का कहना है कि की जो भी प्रकरण किया गया है सिर्फ एक कुर्सी के पीछे सारी राजनीतिक कुर्सी के ऊपर खेली गई है जिसमें मेरे साथ-साथ जो भी हमारे यहां के हैं डॉक्टर अतुल यादव डॉक्टर कल्पना और जो भी मेरे साथ और जो कर्मचारी है उन सबको हटाया जाए क्योंकि इससे पहले भी मेरे साथ कई बार मुझे परेशान करने की कोशिश की गई है ईमानदारी और निष्ठा के साथ में इसके साथ जो बच्चा मैंने किया था उन्होंने यह बताया है कि 40 मिनट तक बच्चा टेबल पर पड़ा रहा जबकि रेफर लेटर में बच्चा पैदा हुआ है और 4:38 में बच्चों को यहां से रेफर कर चुकी थी कुछ नहीं पूछा 29 तारीख की शाम से सारे न्यूज़ चैनल पर आने लगा मुझे कुछ नहीं पता था बाद में जब मैं सब न्यूज़ चैनल देखे मुझे गलत बोला था सोशल मीडिया पर मेरे लिए बहुत गंदी-गंदी कमेंट किए गए तो मुझे यह सब चीज देखकर बहुत दुख लगा जिसने मेरी बेटी अपनी पढ़ाई छोड़ना चाहती है अगर आप मुझे ₹500000 नहीं देंगे तो यह अभी तो यही तक है हम कोर्ट तक जाएंगे। 1 साल पहले के करीब होना का ही केस था एक बच्चे को टीका लगाया गया था एएनएम इनकी दिवाकर द्वारा तो इन्हीं लोगों ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी थी की एएनएम पिंकी दिवाकर के गलत वेक्सीन लगाने से ये घटना हुई है।फिर ये मामला चलता रहा जबकि वो बच्चा मेरे ही ओवजर्वेसन में एक हफ्ते तक रहा। जो लोग साजिश कर रहे हैं उनमें है अनुभव राज सचिन यादव विपिन यादव और चारु स्टाफ नर्स।स्टाफ नर्स ज्योति के चाचा ने बताया कि मेरी भतीजी पर जो आरोप लगाया गया है वो विल्कुल निराधार है पहली बात तो वह कह रहे हैं उनका बच्चा मर गया था तो मरे हुए बच्चे की परिजनों से कोई पैसा लेगा। एक तरफा कार्रवाई की जा रही है इस लड़की को झूठा बताया जा रहा है इसकी निर्दोष की हत्या न की जाए और जो बच्चा खत्म हुआ है मुझे दुख है इन सब लोगों ने यह ग्रुप बनाकर षड्यंत्र के तहत इसे फसाया है भाई जब इस मामले में सुजीत की पत्नी को भर्ती करवाने वाली आशा शीला देवी ने बताया बताया 5100 मांगने वाली ऐसी कोई बात नहीं हुई है बच्चों को जैसे ही उन्होंने देखा तो बच्चे को उन्होंने ऑक्सीजन लगा दी और तुरंत सैफई रेफर कर दिया और 108 एंबुलेंस से सैफई हम ले गए वहां बच्चा भरती कर लिया और पेशेंट को मैं ही लेकर आई थी मेरे सामने डिलीवरी नॉर्मल हुई थी बच्चा होने के बाद बच्चे को सांस सही से नहीं बैठ रही थी तो ऑक्सीजन लगा दी बच्चा सही से सांस नही ले रहा था।

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