प्रभु श्रीराम ने धनुष तोड़ा जानकी ने वरमाला पहनाई

रिपोर्ट यज्ञदत्त चतुर्वेदी मथुरा

 

प्रभु श्रीराम ने धनुष तोड़ा जानकी ने वरमाला पहना

 

”रघुवर उर जयमाल, देखि देव बरसन्हि सुमन“

 

मथुरा में श्रीरामलीलासभा के तत्वावधान में श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर धनुषयज्ञ एवं परशुराम लक्ष्मण संवाद हुआ

श्री राम व लक्ष्मण मुनि विश्वामित्र के साथ जनकपुर में आयोजित स्वयंवर में पहुॅचते हैं । वहाॅं अनेक देशों के राजा-महाराजा भी अपने-2 स्थानों पर विराजमान हैं । सभी अपना-2 परिचय देते हुए अपनी वीरता का बखान करते हैं । राजा जनक विश्वामित्र सहित श्रीराम, लक्ष्मण को आसन पर विराजमान कराते हैं ।

वाणासुर व लंकापति रावण आते हैं।

क्रोधित स्वर में लंकापति रावण राजा जनक से कहता है कि मुझे निमंत्रण न भेज कर मेरा अपमान किया गया है । शंकरजी का धनुष व राजपुत्री दोनों को सामने लाओ मैं अभी उस धनुष को तोड़कर राजपुत्री जानकी को ले जाऊंगा ।

यहाॅं वाणासुर का रावण संवाद होता है तभी आकाशवाणी सुन रावण लंका वापस लौट जाता है ।

तत्पश्चात् जानकीजी सखियों के साथ प्रवेश कर धनुष की पूजा के बाद अपने सिंहासन पर विराजमान हो जाती हैं । राजा, महाराजा, शूरवीर धनुष को तोड़ने में असमर्थ हो जाते हैं तो जनक दुःखी होकर कहते हैं कि यह पृथ्वी वीरों से शून्य हो गयी है । जनक के इस कथन पर लक्ष्मण क्रोधित होते हैं । तत्पश्चात् प्रभु श्रीराम मुनि से आज्ञा लेकर धनुष भंग कर देते हैं । देवता पुष्पों की वर्षा करते हैं । जानकी वरमाला प्रभु राम को पहनाती हैं ”सिय जयमाल राम उर मेली“ उधर महर्शि परशुराम को शिव धनुष भंग होने का पता चलता है तो वह क्रोधित अवस्था में सभा में पहुंचते हैं । राजा जनक से धनुष तोड़ने वाले को बताने को कहते हैं तो लक्ष्मण जी क्रोध में आकर अपने स्थान से उठ उनके सम्मुख पहुंचते हैं फिर लक्ष्मण-परशुराम का काफी देर संवाद होता है । श्रीराम लक्ष्मण जी को शांत करते हैं और परशुरामजी से स्वयं के द्वारा धनुष तोड़े जाने की स्वीकारोक्ति कर दण्ड देने की मांॅग करते हैं तो परशुराम जी श्रीराम के हृदय पर बने चरण चिन्ह के दर्शन करते ही भगवान के चरणों में नतमस्तक होकर क्षमा याचना माॅगते हैं ।

प्रसाद सेवा उपसभापति नन्दकिशोर अग्रवाल शंकर स्टील वालों द्वारा की गयी । गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी, जयन्ती प्रसाद अग्रवाल, जुगलकिशोर अग्रवाल, नन्दकिशोर अग्रवाल, मूलचन्द गर्ग, प्रदीप सर्राफ पी.के., विजय सर्राफ किरोड़ी, शैलेश अग्रवाल सर्राफ, अजय मास्टर,नागेन्द्र मोहन मित्तल, पं0 शशांक पाठक, विनोद सर्राफ, संजय बिजली, दिनेश सदर, मनोज इनवर्टर, विजय गोयल, अनूप टैण्ट, उमेश बिजली, रामगोपाल शर्मा आदि प्रमुख थे ।

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