डी आर डी मोंटेसरी स्कूल छिबरामऊ कन्नौज मैं हुआ श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन

मुकेश द्विवेदी ब्यूरो चीफ कन्नौज 

श्री मद्भागवत विशुद्ध प्रेम शास्त्र है।।गोपियां प्रेम की साकार मूर्ति है, जो हर समय कार्य करते समय भी कृष्ण के नाम का रसपान करती है उन्ही का नाम गोपी है,यह भाव कथा के पंचम दिवस कथा व्यास आचार्य ज्ञानेश त्रिपाठी जी ने सुनाया भगवान का अवतार मथुरा में हुआ लेकिन बाल लीला गोकुल में की ।। प्रभू की ब्रज में तीन लीला प्रमुख हैं।। गोकुल लीला, वृंदावन लीला, मथुरा लीला ।। भगवान ने अपवित्र भाव वाली पूतना को भी तारा।। हर गोपी चाहती हैं कि हमारे घर प्रभू आए ।। मगर बाह्य रूप से चोरी का आरोप लगाती है।। भगवान किसी के पदार्थ को नही चुराते बल्कि चित को चुराते हैं।। इसीलिए उनको चित चोर भी कहते है।। प्रभू के अनेक नाम उनकी लीला से जुड़े हैं।। आचार्य जी ने बताया कि वृदावन का मतलब भक्ति का वन जहा भक्ति महारानी हमेशा विराजित हैं उसी का नाम वृंदावन है।। प्रमुख रूप से माखन चोरी लीला, गोवर्धन लीला का वर्णन किया।। गिरिराज कोई पहाड़ या पत्थर नही वह तो स्वयं ही श्री कृष्ण ही है।। व्रजवासियो की भगवान ने कंस के भेजे गए दूतो सेअनेक प्रकार की रक्षा करी । प्रभू अपने भक्त की रक्षा के लिए उनकी तरह ही लीला करते हैं।

कार्यक्रम का आयोजन रमेश चंद्र अग्निहोत्री पूर्व प्रधानाध्यापक अतुल अग्निहोत्री डॉ महेश चंद अग्निहोत्री डॉ सुरेश चंद अग्निहोत्री ने किया

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

क्या शाहाबाद में महिला डिग्री कॉलेज की स्थापना की जरूरत है?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Back to top button
Close
Website Design By Bootalpha.com +91 84482 65129