जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा मोटर वाहन संशोधन अधिनियम 2022 पर एक कार्यशाला का किया आयोजन

राजेश भारद्वाज स्टेट हेड स्वतंत्र प्रबोध

 

हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण पंचकूला द्वारा चलाए जा रहे आजादी के अमृत महोत्सव महोत्सव अभियान के तहत माननीय सदस्य सचिव हरियाणा विधिक सेवा प्राधिकरण पंचकूला के निर्देशानुसार श्री अमित वर्मा मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी व सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रेवाड़ी के देखरेख में आज जिला वैकल्पिक समाधान केंद्र रेवाड़ी में मोटर वाहन संशोधन अधिनियम 2022 पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया । इस कार्यशाला में मुख्य वक्ता हवासिंह एडवोकेट व राजीव गुप्ता एडवोकेट रहे।

इस कार्यशाला की अध्यक्षता श्री पीयूष शर्मा अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रेवाड़ी ने की। उन्होंने बताया कि मोटर व्हीकल संशोधित अधिनियम के तहत न्याय जल्द मिलने में सहायक होगा तथा उन्होंने बताया कि पीड़ित को समय पर मुआवजा मिल जाए इसके लिए सभी को प्रयास करने चाहिए। उन्होंने बताया कि पीड़ित को होने वाले नुकसान की भरपाई करना तो मुश्किल है लेकिन उसको मुवावजे के तौर पर मिलने वाले पैसों से सहारा जरूर दिया जा सकता है। जज पीयूष शर्मा जी ने अनुसंधान अधिकारियों से कहा कि वो अपना कार्य समय पर और सही रूप से करें जिससे पीड़ित को समय पर और उचित न्याय मिल सके।

 

इस कार्यशाला में सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री अमित वर्मा ने बताया कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य यह है कि कोई भी पीड़ित बिना मुआवजा मिले ना रहे और सभी स्टेक होल्डर व पीड़ित को नए मोटर वाहन संशोधित अधिनियम की जानकारी मिल सके।

 

इस कार्यशाला में मुख्य वक्ता श्री हवा सिंह जी ने बताया कि सेक्शन 160 पुलिस और रजिस्टरिंग विभाग का कार्य बताता है तथा सेक्शन 164 में डेथ केस में पांच लाख तक व गंभीर चोट की अवस्था में ढाई लाख तक मुआवजे का प्रावधान है।

 

उन्होंने यह भी बताया कि सेक्शन 163(3) मुआवजे के लिए छह महीने की लिमिटेशन के बारे में बताता है।

 

इस कार्यशाला में मुख्य वक्ता रहे राजीव गुप्ता जी ने भी संशोधित अधिनियम के बारे में विस्तार से चर्चा की तथा उन्हें उन्होंने बताया कि अनुसंधान अधिकारी किसी भी एक्सीडेंट के 48 घंटों के अंदर अपनी पहली एक्सीडेंट रिपोर्ट जमा करवाएं तथा डिटेल्स एक्सीडेंटल रिपोर्ट डी ए आर 90 दिनों में जमा करवाएं।

 

उन्होंने बताया कि यदि पीड़ित मुवावजे का हकदार है तो डि ए आर रिपोर्ट जमा होने के 30 दिन तक इंश्योरेंस कंपनियां पीड़ित को मुआवजा दें।

 

इस प्रकार से बनाए गए नियम हर पीड़ित को मुआवजा दिलवाने में बहुत सहायक होते हैं तथा यह सारी प्रक्रिया बहुत कम समय में पूरी की जा सकती है ताकि पीड़ित को समय पर पैसा मिल सके।

 

इस कार्यशाला में सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने अनुसंधान अधिकारियों के कार्यों पर भी विशेष रूप से प्रकाश डाला तथा उनकी विशेष भूमिका के बारे में उनको बताया।

 

इस कार्यशाला में न्यायिक अधिकारी, जिला न्यायवादी, पुलिस डिपार्टमेंट से अनुसंधान अधिकारी व लीगल एड डिफेंस काउंसिल मौजूद रहे।

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