ट्रैफिक लाइटों की अनदेखी पर नगर परिषद को न्यायालय का झटका

राजेश भारद्वाज स्टेट हेड स्वतंत्र प्रबोध

 

वरिष्ठ अधिवक्ता एवं सीएलजी कमेटी के चेयरमैन सुनील भार्गव एडवोकेट ने बताया कि उन्होंने ट्रैफिक लाइटों को लेकर एक शिकायत पब्लिक यूटिलिटी कोर्ट में दायर की थी जिसमें श्री जग भूषण गुप्ता अध्यक्ष पब्लिक यूटिलिटी कोर्ट ने आदेश पारित किए थे की शहर की ट्रैफिक लाइटों को सुचारू रूप से नगर परिषद द्वारा चलाया जाए लेकिन ट्रैफिक लाइटों को नगर परिषद द्वारा आदेश देने के बाद भी नहीं चालू किया गया इस आदेश की पालना न करने पर सुनील भार्गव एडवोकेट ने एक ईजरा सिविल जज मिताली अग्रवाल की कोर्ट में दायर की जिसमें नगर परिषद की कार्यकारी अधिकारी संदीप मलिक ने अपने बयान दर्ज करवाई की ट्रैफिक लाइटों को 15 दिन के अंदर सुचारू रूप से चला दिया जाएगा लेकिन 15 दिन दिन बीतने के बाद भी नगर परिषद द्वारा लाइटों को नहीं चलाया गया जिस पर सिविल जज ने एक लोकल कमिश्नर को नियुक्त किया और यह आदेश पारित किया की ट्रैफिक लाइटों को देखकर अपनी रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत के करें लोकल कमिश्नर की रिपोर्ट के बाद वह सुनील भार्गव एडवोकेट के बहस सुनने के बाद न्यायालय ने आदेश पारित किया की नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी की सैलरी जो मिलती है उसकी एक

तिहाई को बंद कर देने के आदेश पारित किया तथा डिपार्टमेंट को यह भी आदेश दिए की सैलरी एक तिहाई बंद की गई है या नहीं उसके आदेश 15 अक्टूबर 2024 तक न्यायालय में प्रस्तुत करें।

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