कलेक्ट्रेट सभागार में राष्ट्रीय पोषण माह का शुभारंभ

गोपाल चतुर्वेदी ब्यूरो चीफ मथुरा

 

मथुरा। कलेक्ट्रेट सभागार में राष्ट्रीय पोषण माह का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ उ०प्र० राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष (राज्यमंत्री स्तर) डा0 देवेन्द्र शर्मा एवं जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। उ०प्र० राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष (राज्यमंत्री स्तर) डा0 देवेन्द्र शर्मा एवं जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह ने कलेक्ट्रेट सभागार से विशाल जन जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

जिला कार्यक्रम अधिकारी बुद्धि मिश्रा ने अतिथियों का स्वागत किया और जानकारी दी कि 7वाँ पोषण माह मनाया जा रहा है। कुपोषण के निवारण के लिए बाल विकास विभाग के साथ साथ स्वास्थ्य विभाग ,पंचायतीराज विभाग, शिक्षा विभाग, आयुष विभाग और ग्रामीण विकास विभाग का भी महत्वपूर्ण योगदान है. इसलिए सभी विभागों द्वारा समेकित प्रयास करने से ही कुपोषण के प्रति जनजागरूकता को जनांदोलन में परिवर्तित किया जा सकता है।

उ०प्र० राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष (राज्यमंत्री स्तर) डा0 देवेन्द्र शर्मा ने अपने संबोधन में कार्यकर्ताओं का मानदेय कम होने और उसके संबंध में मुख्यमंत्री को अवगत कराने की बात कही। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं द्वारा कम मानदेय में भी पूरी मेहनत और लगन से काम किया जा रहा है। उन्होंने कार्यकर्ताओं के लिए श्रमिक कार्ड बनवाए जाने और प्रधानमंत्री बीमा योजना का लाभ दिलाने की बात भी कही।

जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह ने अपने संबोधन में कार्यकर्ताओं को अत्यधिक आत्मीयता और पारिवारिक सदस्य की भाँति ग्रामीण महिलाओं को पोषक, भोजन एवं आहार की विविधता के बारे में जानकारी देने की बात कही।

मुख्य विकास अधिकारी मनीष मीना ने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कार्यकर्ताओं को पूरे माह गतिविधियां आयोजित करने और अधिक से अधिक अग्रिम भ्रमण करने और छूटे हुए अति कुपोषित बच्चों के चिन्हांकन पर ज़ोर देने के निर्देश दिए। उन्होंने पोषण अभियान में सहयोग करने वाले सभी विभागों एवं आईसीडीएस विभाग को निर्धारित कार्य योजना के अनुसार प्रतिदिन गतिविधियां आयोजित कराने और उनकी फीडिंग कराने के लिए निर्देशित किया।

जिला पंचायत राज अधिकारी किरण चौधरी एवं स्वास्थ्य विभाग से डॉक्टर रोहिताश्व ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग, बाल विकास विभाग, ग्रामीण आजीविका मिशन विभाग आदि द्वारा स्टॉल भी लगाए गए थे। बाल विकास विभाग के स्टॉल में बच्चों के शाला पूर्व शिक्षा से संबंधित खिलौने सामग्री व त्याग प्रदर्शित की गई थी। वहीं दूसरी ओर स्थानीय स्तर पर उपलब्ध अनाज साग, सब्ज़ी एवं मोटे अनाज से बने हुए पौष्टिक व्यंजन प्रदर्शित किए गए थे। अतिथियों एवं अधिकारियों ने इन व्यंजनों को चखा और उनकी तारीफ़ भी की। अतिथियों ने इस अवसर पर दो महिलाओं की गोद भराई एवं दो बच्चों का अन्नप्राशन भी किया।

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