फर्जी ईडी अधिकारियों की कार की नंबर प्लेट भी निकली फर्जी, जांच में हुआ खुलासा; सराफ को लूटने आए थे

गोपाल चतुर्वेदी ब्यूरो चीफ मथुरा

 

मथुरा में ईडी अधिकारी बनकर लूट की मंशा से सराफ के यहां आए लुटेरों ने दोनों ही कारों पर फर्जी नंबर प्लेट लगाई थीं। वरना कार पर लिखा नंबर थार गाड़ी का निकला जबकि डिजायर कार पर जो नंबर लिखा था वह पूरी तरह ही गलत और गैर रजिस्टर्ड निकला। उधर, पुलिस की पांच टीमें लगातार दबिश देकर आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी हैं, लेकिन फिलहाल पुलिस खाली हाथ है।

 

शुक्रवार को गोविंदनगर थाना क्षेत्र की पॉश कॉलोनी राधा ऑर्चिड में सराफा कारोबारी अश्वनी अग्रवाल उर्फ गुड़्डू के घर दो कारों में सवार होकर लुटेरे पहुंचे थे। ये अपने आप को ईडी अधिकारी बता रहे थे। व्यापारी की सजगता के कारण ये वारदात को तो अंजाम नहीं दे सके पर सफाई के साथ यहां से बचकर निकल गए। अब पुलिस इनकी तलाश कर रही है। दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान आदि में पुलिस ने इनके लिए ताबड़तोड़ दबिशें दी है। खास है कि मुख्य आरोपी का चेहरा जहां सीसीटीवी में कैद हो गया है तो वहीं कार का नंबर भी फुटेज में आया। हालांकि दोनों ही कारों के नंबर गलत निकले। पुलिस की पांच स्पेशल टीमें सीसीटीवी फुटेज से मिली तस्वीरों के आधार पर बदमाशों और दोनों कारों की तलाश कर रही हैं। सर्विलांस टीम की मदद से मिल रही संभावित लोकेशन पर दबिश दे रही हैं

 

पुलिस ने आगरा-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर टोल प्लाजा के सीसीटीवी फुटेज भी चेक किए हैं। फुटेज में पुलिस को बदमाशों की दोनों कारें ही नजर नहीं आई। लिहाजा पुलिस यही मान रही हैं कि बदमाशों ने भागने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग के बजाय किसी दूसरे रास्ते का इस्तेमाल किया है। अब पुलिस टीम राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़े संपर्क मार्गों पर जाकर लोगों से कार के बारे में पूछताछ कर रही है। वारदात के समय का मिलान करके देहात क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी देख रहे हैं।

 

कॉलोनी में वारदात को अंजाम देने पहुंचे बदमाशों की जानकारी कोतवाली पुलिस को समय से मिल गई थी। पूरे जिले में अलर्ट कर दिया गया था। जिस रास्ते पर कारोबारी का मोबाइल मिला, उस रास्ते पर जैंत, छाता और कोसी थाना है। इसके बाद बॉर्डर पर कोटवन पुलिस चौकी है। अलर्ट होने के बावजूद पुलिस ने चेकिंग भी की लेकिन बदमाशों का कोई पता नहीं चल पाया।

 

जिस तरह से बदमाशों ने पेशेवर रवैया अपनाया उसे देखकर पुलिस अधिकारी भी यही अंदाजा लगा रहे हैं कि बदमाशों ने पूरी प्लानिंग और रेकी करने के बाद यहां आए थे। शोर शराबा होने पर बदमाश भागे लेकिन वह हड़बड़ी में नहीं थे। पुलिस इस थ्योरी पर भी काम कर रही है कि इसके पीछे किसी परिचित का हाथ तो नहीं। बदमाशों का यहां से आने जाने का जो तरीका देखने को मिला उससे यह प्रतीत हो रहा है कि वो कॉलोनी की भौगोलिक स्थिति से भली भांति वाकिफ थे। एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय ने बताया कि बदमाशों की तलाश में पांच टीमें लगाई गई हैं। सभी मार्गों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चेक कराई जा रही है। जल्दी ही वारदात का खुलासा करने की पूरी कोशिश की जा रही है।

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