बहुचर्चित पनवारी काण्ड: 34 साल बाद आगरा कोर्ट ने 36 को माना दोषी: 1990 में हुआ था बवाल

मनोज कुमार शर्मा ब्यूरो चीफ मैनपुरी

15 लोगों को संदेह के अभाव में किया बरी, 36 को दोषी करार

पनवारी कांड में आज एससी एसटी पुष्कर उपाध्याय की कोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने 36 आरोपियों को दोषी माना है। 15 को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। 30 मई को दंड मात्र की सुनवाई होगी

आगरा । 1990 में हुए पनवारी कांड में 34 साल बाद कोर्ट ने 36 लोगों को दोषी करार दिया है और सबूतों के अभाव में 15 लोगों को बरी कर दिया गया है। इस मामले में 34 सालों में 27 आरोपियों की मौत हो चुकी है। 30 मई को कोर्ट दोषियों के खिलाफ सजा सुनाएगी। घटनाक्रम 21 जून 1990 का है। सिकंदरा के गांव पनवारी निवासी चोखेलाल जाटव की बेटी मुंद्रा की शादी थी। सदर के नगला पद्मा से रामदीन की बरात आई थी। जाट समाज के लोगों ने बरात चढ़ाने का विरोध किया था। इस कारण बरात नहीं चढ़ सकी।  दूसरे दिन पुलिस प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में बरात चढ़ाई जा रही थी। तब पांच-छह हजार लोगों की भीड़ ने बरात को चढ़ने से रोका था।पुलिस ने भीड़ को रोकने के लिए बल प्रयोग किया था। फायरिंग तक करनी पड़ी थी। गोली लगने से सोनी राम जाट की मृत्यु हो गई थी।

*पनवारी कांड*

सिकंदरा थाने के गांव पनवारी में 21 जून 1990 में जाटव समाज की बेटी की बारात आई थी। आरोप है कि जाटों ने अपने घर के सामने बारात नहीं निकलने दी। इसी को लेकर हुई तनातनी ने दंगे का रूप ले लिया। पूरे आगरा में प्रतिक्रिया हुई। जाटव समाज के घर जला दिए गए। आगरा में कर्फ्यू लगा दिया गया। इस घटना की राजनीतिक प्रतिक्रिया हुई। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी तक आगरा आए थे। इस मामले में 22 जून 1990 को सिकंदरा थाने में तत्कालीन थाना प्रभारी ने छह हजार अज्ञात लोगों के खिलाफ बलवा, जानलेवा हमला, एसएसी एसटी एक्ट, लोक व्यवस्था भंग करने व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। मगर, घटनास्थल से किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई थी। इस मामले में विधायक चौधरी बाबूलाल भी आरोपी थे। जो 2022 में बरी हो गए थे।

*80 के खिलाफ हुई थी चार्जशीट*

 

वकील शमशेर सिंह ने बताया कि पनवारी में घटना होने के बाद इसकी प्रतिक्रिया अकोला में भी हुई थी। थाना कागारौल में भी मुकदमा दर्ज हुआ था। उस समय के तत्कालीन एसओ ओमवीर सिंह राणा ने एक राहगीर की सूचना पर मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले में 80 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई थी। 27 की मौत हो चुकी है। 53 जीवित थे। सुनवाई चली, जिसमें आज एससीएसटी कोर्ट ने एवीडेंस सुनने के बाद 36 लोगों को दोषी माना है। तीन लोग कोर्ट में हाजिर नहीं हुए थे, जिनके खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी किया गया है। दोषियों के खिलाफ धारा 147, 148, 149 और 310 में मुकदमा दर्ज हुआ है। वकील ने बताया कि कोर्ट में घटना में चुटैल लोगों की गवाही मुख्य आधार बनी। इस मामले में अब तक 35 लोगों के बयान हुए हैं।

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