एनएचएम कर्मचारी संघ साझा मोर्चा की हड़ताल का आज आठवें दिन में प्रवेश

राजेश भारद्वाज स्टेट हेड हरियाणा

 

सोई हुई सरकार को जगाने व सदबुद्धि देने के लिए किया गया हवन

एनएचएम साझा मोर्चा के बैनर तले मांगों को लेकर प्रदेशभर के साथ ही रेवाड़ी जिले में भी इससे जुड़े कर्मचारी नागरिक अस्पताल परिसर में पिछले सात दिन से हड़ताल पर है। शिवरात्रि के अवसर पर हड़ताल का आठवां दिन था। शिवरात्रि के पावन अवसर पर एनएचएम कर्मचारियों ने हवन का कार्यक्रम किया था। यह हवन का कार्यक्रम सरकार को सदबुद्धि देने व सोई हुई सरकार जगाने की पहल करते हुए राज्य व जिला के प्रधान विशाल धनखड़ की अगुवाई में समस्त एनएचएम कर्मचारियों ने किया था।

एनएचएम कर्मियों के हड़ताल पर रहने से सभी सेवाएं प्रभावित हैं। जिनमें लेबर रूम, नर्सरी, केएमसी यूनिट, रैफरल ट्रांसपोर्ट, मेंटल हेल्थ, स्कूल हेल्थ, टीबी विभाग, आयुष विभाग, एनएचएम कार्यालय आदि सभी सेवाओं पर असर पड़ रहा है। इसी तरह आयुष्मान आरोग्य मंदिर में सीएचओ के नही होने से वहां भी ओपीडी सेवा प्रभावित है।

कर्मचारियों ने पिछले दो दिन पहले भी फाइनेंस डिपार्टमेंट वित्त विभाग के उस पत्र की कॉपी भी जलाई थी जिसमें लिखा हुआ था कि एनएचएम कर्मचारियों के बायलॉज को फ्रीज कर दिया जाए। शिवरात्रि के त्यौहार पर किए गए हवन के इस मौके पर राज्य प्रधान विशाल धनखड़, जिला महासचिव श्याम शर्मा, उप प्रधान संतोष यादव सहित बड़ी संख्या में पुरुष व महिला कर्मचारी मौजूद रहे।

एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई हुई है। एम्बुलेंस सेवा के जिला प्रधान जेपी पंडित ने बताया की एम्बुलेंस के चालक व ईएमटी हड़ताल पर होने के कारण एम्बुलेंस सेवा बाधित है। अगर कोई एक या दो एम्बुलेंस चल भी रही है तो वो हरियाणा कौशल रोजगार के चालकों के द्वारा चलवाई जा रही है। जिनमें किसी भी तरह के ईएमटी नही जाने के कारण मरीजों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह कही ना कही मरीजों की जान से खिलवाड़ है। यह एम्बुलेंस सेवा ही किसी भी सड़क हादसे को मौके से लेकर आती है। मेडिकल इमरजेंसी होने पर यही एम्बुलेंस की सेवा ही तुरंत प्रभाव से उपलब्ध होती थी। लेकिन अब स्वास्थ्य सेवाएं भगवान भरोसे रह गई है।

बच्चों का टीकाकरण का कार्य भी नही हो पा रहा है। जिले की सभी सीएचसी पीएचसी पर कार्य प्रभावित होने के कारण डिलीवरी इत्यादि नही हो पा रही है। मरीजों को जो सुविधाएं ग्रामीण स्तर पर मिल जाती थी। उनके लिए उनको रेवाड़ी भागना पड़ रहा है। इसके अलावा बच्चों की नर्सरी में समस्त एनएचएम के कर्मचारी है जिस कारण से छोटे बच्चों के एसएनसीयू में भी बड़ी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहाँ पर लगे हुए डाटा एंट्री ऑपरेटर से लेकर नर्सिंग ऑफिसर व काउंसलर भी हड़ताल पर बैठे हुए है।

सरकार से एनएचएम की मांगे है की कर्मचारियों को पक्का किया जाए। इसके अलावा नवंबर 2021 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इन्हें सातवें वेतनमान देने की घोषणा की थी जो की आज भी सिरे नही चढ़ पाई है। इसके अलाव सर्विस रुल के साथ कोई भी छेड़छाड़ आदि नही किया जाए। कर्मचारियों कि वेतन विसंगति को दूर किया जाए। समस्त एनएचएम कर्मचारियों को कैशलेस मेडिकल, एक्स ग्रेसिया, ग्रेजुटी, एलटीसी का सेवा लाभ भी दिया जाए। इसके अलावा स्टडी लीव, व ट्यूशन फीस का लाभ आदि देने की मांगे की हुई है।

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