रामजस कॉलेज में 2011 का दाखिला घोटाला जिन्न फिर बाहर निकला

ब्यूरो चीफ- मनोज कुमार शर्मा मैनपुरी

 

हिन्दू महासभा दो सितंबर को रामजस कॉलेज का करेगी घेराव

 

नई दिल्ली, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित रामजस कॉलेज में सन 2011 में हुआ दाखिला घोटाला का जिन्न एक बार बाहर निकल आया है। दाखिला घोटाला के इस जिन्न ने रामजस कॉलेज की गवर्निंग बॉडी और कॉलेज प्रशासन की नींद उड़ा दी है। गवर्निंग बॉडी और कॉलेज प्रशासन इस घोटाले को दबाने का निरंतर प्रयास किया रहा है। दाखिला घोटाला का जो जिन्न बाहर निकला है, उसमें कॉलेज की गवर्निंग बॉडी और प्रिंसिपल दोनों की लिप्तता के आरोप ने मामले को अत्यंत पेचीदा बना दिया है।

ज्ञात रहे कि सन 2011 में हुए दाखिला घोटाला में रामजस कॉलेज जमकर चर्चित हुआ था। थाना मौरिस नगर में इस सिलसिले में एफ आई आर संख्या 148/2011और 151/2011 धारा 420/467/468/471/120 दर्ज हुई थी और यह वाद तीस हजारी न्यायालय में आज भी लंबित है। दाखिला घोटाला के इस प्रकरण में तीन कर्मचारी सस्पेंड हुए, जिसमें तत्कालीन अनुभाग अधिकारी दिलबाग सिंह का नाम भी शामिल था। थाना मौरिस नगर पुलिस द्वारा दिलबाग सिंह के विरुद्ध न्यायालय में 12/4/2012 को चार्जशीट दाखिल की गई। दाखिला घोटाला का नया नया जिन्न इन्हीं दिलबाग सिंह से जुड़ा है।

दिल्ली विश्वविद्यालय के नियम के अनुसार भ्रष्टाचार एवं किसी भी अपराधिक मामले में लिप्त कर्मचारी/अधिकारी को निर्दोष सिद्ध होने तक नौकरी पर बहाल नहीं किया जा सकता। दिलबाग सिंह ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके दाखिला घोटाला में उनकी लिप्तता का वाद न्यायालय में लंबित होने पर भी स्वयं को न केवल नौकरी पर बहाल करवा लिया, वरन सभी नियमों को ताक पर रखकर स्वयं को प्रशासनिक अधिकारी के पद पर पदोन्नत करवाने के भ्रटाचार को भी अंजाम दिया। इतना ही नहीं, दिल्ली विश्वविद्यालय के 21/3/2012 के दिशा निर्देश को ठेंगा दिखाते हुए गवर्निंग बॉडी में नॉन टीचिंग वर्ग से मनोनीत सदस्य भी बन बैठे। न्यायालय में आरोपी होते हुए भी बढ़ा हुआ वेतन एवं अन्य सभी प्रकार के आर्थिक लाभ प्राप्त करना नियमों के विरुद्ध है। गवर्निंग बॉडी और प्रिंसिपल की सहमति का इस प्रकरण में शामिल होना कई नए प्रश्न खड़ा करता है।

अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी के संज्ञान में भ्रष्टाचार का यह बड़ा मामला आने पर उन्होंने जनसूचना अधिकार अधिनियम 2005 के अन्तर्गत रामजस कॉलेज से जानकारी मांगी तो उन्हें थर्ड पार्टी से जुड़ी जानकारी होने की आड़ में जानकारी देने से मना कर दिया गया। इतना ही नहीं, हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी को मानसिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित करने और भ्रष्टाचार के इस प्रकरण को तूल न देने का दबाव बनाने के उद्देश्य से भ्रष्टाचार के प्रमुख आरोपी दिलबाग सिंह ने अपने अधिवक्ता से उन्हें लीगल नोटिस भेजा। लीगल नोटिस का जवाब दिया जा चुका है।

हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता मदन लाल गुप्ता के अनुसार भ्रष्टाचार का यह प्रकरण प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री, केंद्रीय शिक्षा मंत्री, यू जी सी के चेयरमैन और दिल्ली विश्वविद्यालय के उपकुलपति और कुलसचिव के संज्ञान में ला चुकी है और अब बड़े आंदोलन की तैयारी कर रही है। हिन्दू महासभा ने सोमवार दो सितंबर को रामजस कॉलेज का घेराव करने का ऐलान किया है।

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