झोलाछाप डॉक्टर की दुकान पर इलाज के बाद वृद्धा की मौत, पुत्र ने दी तहरीर 

आमिर अली संवाददाता घिरोर 

पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम को भेजा

 

बेवर/मैनपुरी – कस्बे के छिबरामऊ रोड स्थित बंगाली क्लीनिक के नाम से क्लीनिक का संचालन करने वाले झोलाछाप के इलाज से वृद्धा की मौत हो गई। घटना की सूचना मृतका के पुत्र ने थाने पर दी है। पुत्र की सूचना पर पुलिस शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। घटना से परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। थाने पर तहरीर देते हुए संजू पाल पुत्र लटूरी लाल निवासी हुसैनपुर ने बताया कि रविवार पूर्वाह्न वह अपनी मां सुशीला देवी को लेकर इलाज के लिए कस्बा आया था जहां छिबरामऊ रोड स्थित बंगाली क्लिनिक निकट भरथना वाली चक्की के पास उसने अपनी मां का इलाज कराया। इलाज के दौरान मां की मौत हो गई। पुलिस ने पुत्र की सूचना पर शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। घटना से परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।थाने पर उक्त मामले को लेकर समझौते की बात देर शाम तक चलती रही।बाद में बताया गया कि डॉक्टर पक्ष द्वारा मृतका के पुत्र और परिजनों को समझाबुझा दिया गया है।

 

एसीएमओ डॉक्टर अजय कुमार ने बताया कि मामला संज्ञान में नहीं आया है,अगर ऐसा है तो संबंधित झोलाछाप के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

 

 कस्बे में जगह जगह खुले हैं बंगाली क्लीनिक के नाम से दवाखाना

बंगाली क्लीनिक के नाम से झोलाछाप कस्बे में सब्जी की दुकानों की तरह फैले हुए हैं। पूर्व में भी कई बार स्वास्थ्य विभाग को इस बारे में अवगत कराया गया लेकिन स्वास्थ्य विभाग की सांठगांठ के चलते मौत के इन सौदागरों की दुकान जारी है। पूर्व में भी कई हादसे हो चुके हैं जिनमें स्वास्थ्य विभाग ने कोई ऐसी ठोस कार्रवाई नहीं की जिससे आगे घटनाओं पर लगाम लग सकती। आए दिन इन झोलाछापों के इलाज से किसी न किसी की जान चली जाती है। अल्प शिक्षित बंगाल के रहने वाले युवक कस्बे में आकर बंगाली क्लीनिक के नाम से दुकान चलाने लगते हैं और बिना किसी प्रशिक्षण व शिक्षा के ही एलोपैथी इलाज करते हैं जिससे जब तब किसी न किसी की जान चली जाती है। पूर्व में भी कस्बे के बंगाली क्लीनिक के नाम से चलने वाले क्लीनिकों में लोगों की जान जा चुकी है लेकिन स्वास्थ्य विभाग कोई ठोस कार्रवाई करने का काम नहीं करता। लोगों में स्वास्थ्य विभाग के इस रवैए को लेकर रोष है। कस्बे के छिबरामऊ रोड, इटावा रोड, जीटी रोड, मोटा रोड, खजुरिया, मुड़ ई आदिमें दर्जनों झोलाछाप बंगाली क्लीनिक के नाम से लोगों को इलाज के नाम पर लूट रहे हैं। इनके इलाज से कई बार गंभीर साइड इफेक्ट भी होते हैं जिनको लेकर आम ग्रामीण जानकार नहीं होते हैं और वह कभी नहीं जान पाते की झोलाछापों के इलाज से उन्हें गंभीर बीमारियां भी मिल जाती हैं। लोगों को अब स्वास्थ्य विभाग से कार्रवाई को लेकर कोई उम्मीद नहीं है। कस्बाइयों ने जिलाधिकारी से कस्बे में संचालित झोलाछाप बंगाली क्लीनिकों पर लगाम लगाने की मांग की है। एक अनुमान के मुताबिक कस्बा व आसपास के क्षेत्र में एक सैकड़ा से अधिक झोलाछापों का जाल फैला है।

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