संत का चोला ओढ़ कर प्रसिद्धि प्राप्त करने वाले लोग ही कर रहे भगवान का अनादर, कैसे होगी धर्म की रक्षा

गोपाल चतुर्वेदी ब्यूरो चीफ मथुरा

 

कलयुग मै परम संत तुलसी दास जी की बात धीरे धीरे सत्य होती दिखाई दे रही हैं, जिस संत समाज पर कलयुग मै धर्म को बचाए रखने का भार है वही संत आज सनातन धर्म की जड़ों को खोखला करने के लिए मठ्ठा डाल रहे है। गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरित मानस में पहले ही इन कालनेमी रूपी संतों का वर्णन अपनी पुस्तक मै कर दिया था जो आज देखने को भी मिल रहा है कि जिस भगवान के नाम और गुणगान को करने के व्यास पीठ पर बैठ कर प्रसिद्धि प्राप्त की आज उसी व्यासपीठ से भगवान की मर्यादा को भंग करने के दुस्साहस कुछ अभिमानी कहें या कालनेमी की आत्मा से प्रेरित संत भेष धारी जो लगातार अपनी मर्यादाओं को भंग कर रहे है। ऐसा ही एक मामला इस समय सोसल मीडिया पर एक वायरल वीडियो को देखने से लग रहा है।

यूपी के मथुरा में कुछ दिनों से व्यास पीठ पर बैठकर कथा करने वाले संत या कथा वाचक ऐसे बयान दे रहे हैं जो विवाद का कारण बन रहे हैं. वृंदावन के परिक्रमा मार्ग के श्री राधा किशोरी धाम में रहने वाले संत महामंडलेश्वर इंद्रदेव महाराज ने एक ऐसा बयान रामलीला में माता सीता और भगवान राम का किरदार निभाने वाले लोगों को लेकर दिया है जिसके बाद उनकी चौतरफा आलोचना हो रही है।

संत बनने की एक और कसौटी होती है और वह है चरित्र और शब्दों की मर्यादा. आप किसी को क्या कह रहे हैं ये बात तब और ज्यादा मायने रखती है जब आप एक उपाधी पर होते हैं, इसलिए किसी उपाधी पर बैठने के बाद इस बात का और भी ज्यादा ध्यान रखना चाहिए ताकी आपके मुंह से कुछ ऐसा ना निकल जाए कि बाद में आपको पछताना पड़े।

कुछ दिनों से व्यास पीठ पर बैठकर कथा करने वाले संत या कथा वाचक ऐसे बयान दे रहे हैं जो विवाद का कारण बन रहे हैं. पहले कथा वाचक प्रदीप मिश्रा के राधारानी को लेकर दिए गए बयान पर भारी विवाद हुआ था जिसके बाद उन्हें माफी मांगनी पड़ी थी और अब वृंदावन के परिक्रमा मार्ग के श्री राधा किशोरी धाम में रहने वाले संत महामंडलेश्वर इंद्रदेव महाराज ने भी एक ऐसा ही बयान रामलीला में माता सीता और भगवान राम का किरदार निभाने वाले लोगों को लेकर दिया है जिसके बाद उनकी चौतरफा आलोचना हो रही है।

इंद्रदेव महाराज का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है जिसमें उनके द्वारा कहा गया है की रामलीला करने वाले जो पात्र हैं वह मंच के पीछे सिगरेट शराब आदि का सेवन करते है. उन्होंने कहा कि ये हम सबने देखा है. अपने बयान में उन्होंने आगे कहा कि माता सीता के पात्र के ब्लाउस से संतरे निकलते हैं. माता सीता का किरदार निभाने वाले कलाकारों को लेकर दिए गए इस बयान के बाद से लोगों में काफी गुस्सा है. इसके बाद यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल होने लगा और संत समाज और बृजवासी लोगों में काफी ज्यादा आक्रोश देखने को मिला।

इस वीडियो के वायरल होने के बाद शुक्रवार को सुबह इंद्रदेव महाराज का जवाब सामने आया जिसमें उन्होंने कुछ तथाकथित पत्रकारों को बुलाकर एक राजनेताओं की तरह अपने बयान के लिए माफी मांगी इंद्रदेव महाराज ने बताया कि उन्होंने ये बयान जरूर दिया लेकिन उनकी जो भावना थी वह सबसे अलग थी महाराज ने कहा कि मेरा कहने का अर्थ किसी भी भगवान या किसी भी व्यक्ति की आस्था को ठेस पहुंचाना नहीं था जो मैंने देखा था वह अपने बचपन में देखा था और वही मैं व्यास पीठ से लोगों को बता रहा था यदि लोगों को मेरी बात से कठिनाई हुई है या बात बुरी लगी है तो मैं उनसे क्षमा चाहता हूं। इंद्रदेव महाराज की माफी मांगने के बाद भी लोगों मै अलग अलग प्रतिक्रिया देखने को मिली ।

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