टीबी मुक्त ग्राम पंचायत के तहत स्वास्थ्य विभाग ने शुरू की पहल

शैलेंद्र राठौर संवाददाता सवायजपुर 

चार ब्लाक में चल रही परियोजना

अत्याधुनिक अल्ट्रापोर्टेबल हैण्ड हेल्ड एक्स-रे मशीन से मिलेगी टीबी होने की संभावना की रिपोर्ट

स्वास्थ्य शिविर लगाकर टीबी के संभावित 80 मरीज

हरदोई, 25 जुलाई 2024

प्रधानमंत्री टीबी मुक्त पंचायत के क्रम में विभाग स्वयंसेवी संस्था के टीबी अलर्ट इंडिया के सहयोग से चार ब्लॉक हरपालपुर, माधोगंज भरखनी और शाहाबाद के 20-20 ग्राम पंचायतों में परियोजना चला रही है जिसका उद्देश्य दिसम्बर 2024 तक इन सभी 80 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त करना है | इसी क्रम में हरपालपुर के किर्तियापुर ग्राम में बृहस्पतिवार को टीबी जाँच शिविर का आयोजन किया गया | यह जानकारी जिला क्षय(टीबी) रोग अधिकारी डा. शरद वैश्य ने दी |

जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि प्रधानमन्त्री के आह्वान पर देश को साल 2025 तक क्षय(टीबी) मुक्त बनाने के लिए सरकार की ओर से निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत यह परियोजना शुरू की गयी है |पिछले साल विश्व क्षय रोग दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री ने टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान शुरू किया था | भारत गांवों का देश है | इसकी इकाई गाँव हैं | यदि ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त हो जाएँगी तो देश भी टीबी मुक्त हो जायेगा | इसी क्रम में राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम की सहयोगी संस्था टीबी अलर्ट इंडिया के साथ मिलकर जनपद के 4 ब्लाक में काम करना शुरू किया है | इन चार ब्लाक में टीबी के कुल 212 मरीज हैं |

परियोजना के तहत गांवों में शिविर लगाकर संभावित टीबी मरीजों की अत्याधुनिक अल्ट्रापोर्टेबल हैण्ड हेल्ड एक्स-रे मशीन से जाँच की जाती है | यह एक्सरे मशीन कहीं भी उपयोग में लायी जा सकती है और इसको चलाने के लिए बिजली की भी आवश्यकता नहीं है | इसमें एक्सरे करने के तीन सेकेण्ड के भीतर ही परिणाम आ जाता है | यदि परिणाम पॉजीटिव है तो मरीज के बलगम की जाँच की जाती है और फिर दोनों जांचों के परिणाम देखने के बाद डाक्टर निर्णय लेता है कि मरीज को टीबी है या नहीं | टीबी के संभावित मरीजों की पहचान के लिए आशा कार्यकर्ता और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) का सहयोग लिया जा रहा है|

ग्राम पंचायत टीबी मुक्त तब घोषित होती है जब वह पाँच मानकों को पूरा करती है | यह मानक हैं – प्रति हजार आबादी पर 30 संम्भावित टीबी मरीजों की जांच, प्रति एक हजार की आबादी पर एक टीबी मरीज, सभी टीबी मरीजों को निक्षय मित्रों द्वारा गोद लिया जाना, सभी टीबी मरीजों को निक्षय पोषण योजना के तहत कम से कम एक माह की 500 रूपये की किश्त मिली हो, और कम से कम 60 फीसद मरीजों की ड्रग सेंस्टिवटी की जांच हो चुकी हो |

संस्था इन सभी मानकों पर काम करेगी और चिन्हित कुल 80 ग्राम पंचायतों को तयशुदा समय पर टीबी मुक्त करने की दिशा में काम करेगी |

टीबी अलर्ट इंडिया के स्टेट लीड शिवम मिश्रा ने बताया कि जनपद हरदोई टीबी मुक्त करने के लिए सबसे जरूरी है कि टीबी के संभावित मरीजों की पुष्टि हो तभी उनका इलाज शुरू हो पायेगा | इसलिए हमने टीबी मरीजों को चिन्हित कर उनका इलाज शुरु करने की यह पहल की है | शुरूआती चरण में संस्था अगले तीन साल तक इन ब्लाक में सभी ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त करने का भरपूर प्रयास करेगी |

किर्तियापुर में लगे टीबी जांच शिविर में कुल 85 संभावित टीबी मरीजों की अल्ट्रापोर्टेबल हैण्ड हेल्ड एक्स-रे मशीन से जाँच की गयी जिनमें से 35 लोग संभवत निकले | इन 35 मरीजों सहित अन्य संभावित टीबी रोगियों के बलगम का नमूना लेकर जाँच के लिए भेज दिया गया है |

इस दौरान ग्राम प्रधान मनोज कुमार राठौर, जिला कार्यक्रम समन्वयक महेंद्र सिंह यादव, पीपीएम उपदेश कुमार सिंह, एसटीएस श्यामेंद्र सिंह , विजय चंद्र, आईटी आईटी चरण सिंह, सीएचओ दीपिका , ए एन एम कुसुम देवी ,आशा बहु अर्चना चित्रा, सीमा ,सुनीता, उषा और आंगनबाड़ी कार्यकत्री सीता बेटी, कुमारी सहयोगी संस्था ‘टीबी अलर्ट इंडिया’ के होमेन्द्र सिंह, दीपक कुमार, सनी कुमार, धर्मेंद्र सक्सेना और उपस्थित रहे।

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