रेवाड़ी पुलिस ने विद्यार्थियों को विभिन्न अपराधों की जानकारी, उनसे बचाव व तीन नए कानूनों सहित नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी देकर किया जागरूक

राजेश भारद्वाज स्टेट हेड हरियाणा

 

पुलिस अधीक्षक रेवाड़ी श्री गौरव राजपुरोहित भा.पु.से. के दिशा निर्देश पर महिलाओं/बच्चों व आमजन को विभिन्न अपराधों की जानकारी, उनसे बचाव व तीन नए कानूनों सहित नशे के दुष्प्रभावों के बारे जागरूक करने के उद्देश्य से प्रबंधक थाना जाटूसाना निरीक्षक सीमा कुमारी व उनकी टीम ने वीरवार को गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल गांव जाटूसाना में पुलिस की पाठशाला लगाकर विद्यार्थियों व स्टाफ को तीन नए कानूनों सहित नशे के दुष्प्रभावों बारे में जागरूक किया। पुलिस टीम द्वारा इस जागरूकता कार्यक्रम में उपस्थित विद्यार्थियों/स्टाफ को विभिन्न प्रकार के अपराधों के लिए नए कानूनों के तहत लागू सजा के प्रावधानों सहित विशेष अधिनियमों (पोक्सो एक्ट, बाल किशोर अधिनियम इत्यादि) के बारे में भी जानकारी देकर जागरूक किया गया।

 

 

 

प्रबंधक थाना जाटूसाना ने बताया कि एफआईआर दर्ज करने के बाद पीड़ित को मुकदमे की प्रगति बारे एसएमएस या अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों द्वारा 90 दिनों के अंदर-अंदर जानकारी प्रदान की जाएगी। नए कानूनों के लागू होने पर ट्रायल कोर्ट को हर फैसला अधिक से अधिक तीन साल में देना होगा। महिला विरुद्ध अपराध से संबंधित मामलों में 60 दिन के अंदर-अंदर जांच पूरी कर न्यायालय में चालान पेश करना होगा। दोषी द्वारा चालान की प्रति प्राप्त करने उपरांत 60 दिन के अंदर-अंदर न्यायालय में चार्जशीट करना अनिवार्य होगा। नए कानून के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक माध्यम-वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गवाही रिकॉर्ड की जा सकेगी। मुकदमे में बहस-दलीलें पूर्ण होने के बाद न्यायालय द्वारा 30 दिन में फैसला देना अनिवार्य होगा व जिससे अधिकतम 45 दिनों की अवधि तक बढ़ाया जा सकता है। अन्य संगीन मामलों में 90 दिन में जांच पूरी कर चालान पेश करना होगा। नए कानून लागू होने पर पुलिस संगीन मामलों में 60 दिन के अंदर अंदर दोबारा से रिमांड ले सकती हैं। संगठित अपराध जो बार बार अपराध करते हैं, ऐसे मामलों में अब कठोर सजा फांसी, उम्रकैद के साथ साथ कम से कम 10 लाख रुपये जुर्माना होगा। जैसे रंगदारी मांगना, साइबर अपराध, अपहरण, जमीनों पर कब्जा करना इत्यादी। संगीन मामलों में पुलिस अब आरोपियों को हथकड़ी लगाकर भी न्यायालय में पेश कर सकती हैं। गरीब की जायदाद पर जो कब्जा करते हैं, उन पर भी इसमें समयबद्ध कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। नए कानून में छोटे अपराध जिनमें 3 वर्ष से कम की सजा है, उनमें आरोपित यदि 60 वर्ष से अधिक आयु का है तो उसकी गिरफ्तारी के लिए उप पुलिस अधीक्षक या उससे वरिष्ठ अधिकारी की अनुमति लेना अनिवार्य है। गंभीर अपराध की सूचना पर घटनास्थल पर बिना विचार करें शून्य एफआईआर दर्ज होगी। उन्होंने बताया कि दुष्कर्म व पोक्सो एक्ट के मामलों में जांच दो माह के भीतर पूरी करनी होगी। नए कानून के तहत पीड़ित को 90 दिन के भीतर अपने मामले की प्रगति पर नियमित रूप से जानकारी पाने का अधिकार होगा। इसके अलावा तलाशी अथवा जब्ती की प्रक्रिया के दौरान वीडियोग्राफी कराना अनिवार्य होगा। पुलिस टीम द्वारा वहां मौजूद विद्यार्थियों/स्टाफ को नशे से दूर रहने, नशे के आदि लोगों के पुनर्वास/नशा मुक्ति में बारे में भी विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

क्या शाहाबाद में महिला डिग्री कॉलेज की स्थापना की जरूरत है?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Back to top button
Close
Website Design By Bootalpha.com +91 84482 65129