राजनैतिक द्वेष और बदले की भावना से प्रशासन और शासन ने मैरिज हॉल पर की बुलडोजर कार्रवाई। चेयरमैन पति अब्दुल नईम

मनोज कुमार शर्मा ब्यूरो मैनपुरी 

मैनपुरी। करहल नगर पंचायत अध्यक्ष फरजाना बेगम के पति सपा नेता अब्दुल नईम के समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से निकटतम सम्बन्ध माने जाते हैं। रविवार को प्रशासन ने उनके मैरिज होम को बुलडोजर से ढहा दिया। इस कारवाई पर चेयरमैन पति अब्दुल नईम ने शासन-प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि वह समाजवादी पार्टी से वर्तमान चेयरमैन है। बीजेपी के दबाव में राजनीति के तहत उनके ऊपर यह कार्रवाई की गई है।

चेयरमैन अब्दुल नईम ने बताया कि इसे मैरिज होम तो बताया जा रहा है। जबकि यह मेरा मकान है। इसमें मैं और मेरी बहन रहती थी। यह जमीन मैंने कई लोगों से इस जमीन की कीमत चुका कर बैनामा कराई है। 1 इंच भी किसी की जमीन नहीं घेरी है। यह जमीन पूरी तरह संक्रमणीय थी। उनका कहना है पूर्व एसडीएम शिवदयाल जी द्वारा इस जमीन को असंक्रमणी कर दिया गया था। जबकि यह जमीन संक्रमणीय थी। पहले यह जमीन तुलजाराम की थी।उसके बाद यह जमीन उनके बेटे सूबेदार के नाम आई सूबेदार से रामदुलारे के पास आई। इस जमीन का सौदा जमीन के मालिकों से उसकी निर्धारित कीमत का आना पाई से हिसाब कर खरीदी है।इसके बाद यह जमीन तहसीलदार कोर्ट से खारिज हो गई। जिसका दावा एडीएम साहब के पास हुआ। वहां पर भी मेरा दावा खारिज कर दिया गया। दावा खारिज करने के बाद हमको कोई टाइम भी नहीं दिया गया ना हमको कुछ बताया गया। जबकि जब कोई फैसला सुनाया जाता है तब उसमें टाइम दिया जाता है कि आप ऊंची अदालत में अपील कर सकते हैं, लेकिन इसका भी मुझे मौका नहीं दिया गया।

 

*राजनीतिक द्वेष के कारण मकान तोड़ा गया*

 

यह तालाब की भूमि नहीं थी पूर्व एसडीएम द्वारा इस जमीन को खारिज कर दिया और उसको तालाब बता कर जमीन को तालाब में दर्ज कर दिया गया है। ना मुझे कोर्ट की तरफ से कोई नोटिस दिया गया ना कोई समय दिया गया। जबकि मेरे पास सभी लोगों के बैनामा के कागज हैं। मुझे मालूम है ये पूरा मामला राजनीतिक द्वेष के कारण भाजपा के नेताओं द्वारा रचित है और और षड्यंत्र के तहत मकान तोड़ा गया है। अगर देखा जाए तो करहल में इस तरीके के 14 तालाब हैं, लेकिन किसी तालाब के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

 

 

*मेरे पक्ष की नही हुई सुनवाई*

 

एक व्यक्ति विशेष जो हमसे जलता हैं और मुझसे राजनेतिक ईर्षा रखता है। वह व्यक्ति हमसे चुनाव में पराजित हो गया था।और चुनाव में चौथे नंबर पर आया था उसने व्यक्तिगत रंजिश मान कर मेरे ऊपर षड्यंत्र के तहत कारवाई कराई है। वह किसी का प्रिय नहीं है ना ही वह भाजपा का प्रिय है।

 

मेरा जो आवास तोड़ा गया है, वह राजनीति से प्रेरित होकर तोड़ा गया है। मुझे कोई मौका नहीं दिया गया। जबकि मेरे पास सिविल कोर्ट द्वार दिया स्टे भी है। मेरा केश हाईकोर्ट में रजिस्टर्ड हो गया है।उसके भी कागजात। मैं प्रशासन को दिए लेकिन मेरी कोई सुनवाई नहीं हुई।

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