हिन्दू महासभा ने कुणाल की हत्या को दिल्ली में पश्चिम बंगाल दोहराने का षडयंत्र बताया – बी एन तिवारी

मनोज कुमार शर्मा ब्यूरो चीफ मैनपुरी

अखिल भारत हिन्दू महासभा ने दिल्ली के सीलम पुर में 17 अप्रैल को कुणाल नामक युवक की हुई हत्या की कड़ी निंदा करते हुए इस हत्याकांड को दिल्ली में पश्चिम बंगाल को दोहराने का षडयंत्र बताया। हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र सिंह राजू पार्चा, महामंत्री शिवा गोस्वामी, मुख्य सलाहकार दिनेश और महिला नेत्री मोनिका शर्मा के साथ एक वीडियो संदेश जारी कर जेहादियों के सांप्रदायिक उन्माद को कुरान मजीद की उन 26 आयतों की शिक्षाओं से जोड़ा, जो गैर मुस्लिमों की हत्याओं को जायज ठहराते हुए उन्हें जन्नत का प्रलोभन देती है। यह जानकारी हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता बी एन तिवारी ने आज जारी बयान में दी।

बी एन तिवारी ने बताया कि वीडियो संदेश में हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने कोरोना महामारी के दौर में यमुना पार हुए जेहादियों के हमलों में मारे गए निर्दोष हिंदुओं और पुलिस अधिकारियों का स्मरण करते हुए कहा कि जेहादी एक बार फिर दिल्ली के हिंदुओं को दहलाने की ऐसी कायराना हरकत की दोहराने का प्रयास कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि 1986 में हिन्दू महासभा के दो कार्यकर्ताओं ने कुरान मजीद की 26 गैर मुस्लिम विरोधी आयतों का अरबी से हिन्दी अनुवाद करवाकर पर्चे बांटे तो मुस्लिम पक्षकारों ने एफ आई आर दर्ज करवाकर दोनों कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करवा दिया। न्यायालय में न्यायमूर्ति लाहोटी ने कुरान मजीद की 26 आयतों का अरबी से इंग्लिश, हिन्दी और उर्दू अनुवाद का अध्ययन करने के बाद हिन्दू महासभा के दोनों कार्यकर्ताओं को बाइज्जत बरी कर दिया।

न्यायमूर्ति लाहोटी ने अपने न्यायिक निर्णय में स्पष्ट टिप्पणी की थी कि ये 26 आयतें मुस्लिमों और गैरमुस्लिमों में नफरत और भेद पैदा करती है, जो देश की एकता अखंडता और संप्रभुता केलिए बेहद खतरनाक है। ” वीडियो संदेश में हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने कहा कि ये 26 आयतें आज भी कुरान मजीद में मौजूद है और गैर मुस्लिमों से हिंसा, बलात्कार और हत्या की शिक्षा देती है। ऐसी शिक्षा किसी भी सभ्य समाज की सुरक्षा में हमेशा व्यवधान उत्पन्न करती है।

बी एन तिवारी ने गैर मुस्लिमों से हिंसा की शिक्षा देने वाली आयतों को देश और समाज के अस्तित्व के लिए खतरा बताते हुए भारत सरकार से इन 26 आयतों पर संसद में खुली बहस करवाने और बहुमत के आधार पर ठोस नीति बनाकर हिंसा को बढ़ावा देने वाली शिक्षाओं को प्रतिबंधित करने की मांग की। उन्होंने दिल्ली में पश्चिम बंगाल दोहराने के षडयंत्र के पीछे तर्क दिया कि पश्चिम बंगाल और दिल्ली दोनों ही प्रदेश बांग्लादेशी – पाकिस्तानी – रोहिंग्या घुसपैठियों से आबाद हैं। बंगाल और दिल्ली सहित देश के समस्त हिस्सों में ऐसे करोड़ों घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें उनके देश वापस भेजने से ही सनातन राष्ट्र भारत और सनातनधर्मियों की जानमाल की रक्षा संभव है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार और राज्य सरकारों के सामूहिक उत्तरदायित्व से घुसपैठियों को देश से भागना बिल्कुल संभव हो सकता है। इसके लिये केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को मिलकर आगे आना और सार्थक पहल करना वर्तमान समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है।

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