मिट्टी की सेहत सुधारने, पर्यावरण प्रदूषण में कमी लाने हेतु कृषकों को जैविक खाद के प्रयोग हेतु किया जाये प्रेरित – जिलाधिकारी

ब्यूरो चीफ मनोज कुमार शर्मा मैनपुरी 

 

 

भूमिगत् जल स्तर को बढ़ाने हेतु खेत-तालाब योजना का प्रभावी क्रियान्वयन हो, संसाधनों के अति शोषण में लायी जाये कमी- अविनाश

 

मैनपुरी 18 जुलाई, 2024- जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने पं. दीनदयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना, खेत-तालाब योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनांतर्गत वाटर शेड विकास घटक तथा जिला स्तरीय उर्वरक समिति की बैठक में कृषि, भूमि संरक्षण विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि किसानों को खाद-बीज, सिंचाई हेतु पानी की उपलब्धता से साथ-साथ भूमिगत जल स्तर में सुधार की दिशा में कार्य करें। उन्होने जिला कृषि अधिकारी, उप कृषि निदेशक को निर्देशित करते हुए कहा कि जनपद में मांग के अनुसार यूरिया, डीएपी की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए, प्रत्येक सहकारी समिति, खाद-बीज की दुकान पर यूरिया, डीएपी उपलब्ध रहे, सभी किसानों को निर्धारित मूल्य पर यूरिया, डीएपी मिले, यूरिया के साथ कोई भी दुकानदार किसान को अन्य दवा, बीज, उर्वरक आदि क्रय करने हेतु बाध्य न करे यदि किसी दुकानदार द्वारा निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य वसूला गया या कोई अन्य दवा, उर्वरक खरीदने को किसान को मजबूर किया गया तो उसके विरुद्ध कठोरतम कार्यवाही की जाये। उन्होने कहा कि किसानों को खाद, बीज, उर्वरकों की समय से उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए, सभी समितियों पर यूरिया, डीएपी, पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहे, राजकीय कृषि बीज भंडारों, सहकारी समितियों पर भी उर्वरक उपलब्ध रहें। उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों, प्राइवेट दुकानदार निर्धारित मूल्य पर ही उर्वरकों, बीज आदि की बिक्री करें, किसानों का शोषण किसी भी स्तर पर न हो, सुनिश्चित किया जाये।

श्री सिंह ने उर्वरकों की उपलब्धता की जानकारी करने पर जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि 50050 मै.टन यूरिया लक्ष्य के सापेक्ष 60412 मै.टन उपलब्ध है, जिसमें से 15747 मै.टन वितरित की जा चुकी है, 12990 मै.टन डी.ए.पी. लक्ष्य के सापेक्ष 11809 मै. टन उपलब्ध है, जिसमें से 2769 मै.टन वितरित की गयी, एन.पी.के. 3042 मै.टन लक्ष्य के सापेक्ष 2374 मै.टन उपलब्ध है, जिसमें से 267 वितरित की जा चुकी है, एम.ओ.पी. 760 मै.टन लक्ष्य के सापेक्ष 2310 मै.टन उपलब्ध है, जिसमें से 91 मै. टन वितरित की जा चुकी है। उन्होने उपस्थित ग्राम प्रधानों, कृषकों से कहा कि कृषि क्षेत्र में असंतुलित मात्रा में रसायनिक उर्वरकों का उपयोग किये जाने के कारण मृदा स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है साथ ही वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण से पशु, मानव एवं फसलों पर हानिकारक प्रभाव पड़ रहा है, असंतुलित रसायनिक उर्वरकों से बचाव हेतु प्रधानमंत्री प्रणाम योजना लागू की गयी है, इस योजना का उद्देश्य रसायनिक उर्वरकों के प्रयोग में कमी लाकर जैविक, नैनो यूरिया, नैनो डी.ए.पी. को बढ़ावा देना है, कृषक बंधु अंधाधुंध दानेदार यूरिया, डीएपी के प्रयोग से बचें, कम लागत एवं बेहतर परिणाम के लिए नैनो यूरिया, डीएपी का प्रयोग करें।

मुख्य विकास अधिकारी नेहा बंधु ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अन्तर्गत वाटरशेड विकास घटक की समीक्षा करते हुये कहा कि परियोजना के तहत मिट्टी पानी और अन्य संसाधनों का संरक्षण का भू-जल पुनर्भरण के लिए सिस्टम का उपयोग करें, प्राकृतिक खतरों के प्रभावों को कम करने, प्राकृतिक संसाधनों के पुनर्जनन के साथ जनसंख्या की आय में सुधार करने, संसाधनों के अति शोषण को कम करने, कटान नियंत्रण एवं मिट्टी की रोकथाम की दिशा में प्रभावी कार्यवाही की जाये, खेत-तालाब योजना के लक्ष्य की पूर्ति की जाये, लाभार्थियों के चयन में मानकों के साथ-साथ पूरी पारदर्शिता बरती जाये। उन्होने उत्पादन प्रणाली के अन्तर्गत दुर्गा महिला प्रेरणा संकुल समिति, रोशनी संकुल, शक्ति संकुल, जीवन ज्योति संकुल स्तरीय संघ को उपलब्ध करायी गयी धनराशि से महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में प्रभावी कार्यवाही हेतु डीसीएनआरएलएम को निर्देशित किया।

बैठक में इफ्को कम्पनी के प्रतिनिधि ने नैनो यूरिया, डी.ए.पी. के प्रयोग करने से होने वाले लाभ, कम लागत में बेहतर उत्पादन पर विस्तार से कृषकों को जानकारी दी, कृषि अधिकारी ने कृषकों को रसायनिक खादों के अधंाधुध प्रयोग से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया। मुख्य विकास अधिकारी ने राजेश कुमार, रामवीर, नेत्रपाल, नेमसिंह, संजय, रविंद्र सिंह, आमोद, राजेश, अवधेश, बलराम सिंह, हरदास, चंद्रपाल, अमरपाल, प्रमोद कुमार, करन सिंह, ब्रम्हेश, महताब, भूपसिंह, अरुण कुमार, सुमन देवी, हरेंद्र प्रताप सिंह को बाजरा बीज मिनीकिट, नैनो यूरिया बोतल वितरित कीं। इस दौरान उपायुक्त एल.आर.एल.एम. शौकत अली, उप कृषि निदेशक एन.के. त्रिपाठी, जिला उद्यान अधिकारी ए.के. चतुर्वेदी, बड़ी संख्या में कृषक, प्रधानगण आदि उपस्थित रहे, बैठक का संचालन जिला कृषि अधिकारी डॉ. सूर्य प्रताप ने किया।

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