मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए नहरों तथा तलाबो के किनारे उगी वनस्पतियों को प्रत्येक पखवाडे हटाये और मच्छर रोधी पौधे लगाए-कृषि रक्षा अधिकारी

ब्यूरो चीफ मनोज कुमार शर्मा मैनपुरी

मैनपुरी 06 जुलाई, 2024- कृषि रक्षा अधिकारी ने बताया कि शासन स्तर से विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान कियान्वयन किया जा रहा है, आप अवगत है कि चूहा, छछूदर (रोडेन्टस) के द्वारा फसलों में 10-15 प्रतिशत क्षति व मनुष्यों में प्लेग, स्कव टाइफस, लैप्टोस्पायोरिसिस इत्यादि रोग फैलते हैं, चूहे अपने बिल झाड़ियों, कूडों एवं मेडों आदि में स्थायी रूप से बनाते है, खेतों का समय-समय पर निरीक्षण एवं साफ-सफाई करके इनकी संख्या को नियंत्रित किया जा सकता है, चूहेदानी का प्रयोग करके उसमें आकर्षक चारा जैसे रोटी, डबलरोटी बिस्कुट आदि रखकर चूहों को फंसा कर मार देने से इनकी संख्या नियंत्रित की जा सकती है, घरों में ब्रोमोडियोलान 0.005 प्रतिशत के बने चारे की 10 ग्राम मात्रा प्रत्येक जिन्दा बिल में रखने से चूहे उसको खाकर मर जाते हैं, एल्युमिनियम फास्फाइड दवा की 3-4 ग्राम मात्रा प्रति जिन्दा बिल में डालकर बिल बन्द कर देने स उससे निकलने वाली फास्फीन गैस से चूहे मर जाते हैं, चूहा एवं छछूंदर नियंत्रण की 06 दिवसीय कार्य योजना- प्रथम दिन- आवासीय घरों एवं आस-पास के क्षेत्रों का निरीक्षण एवं बिलों को बन्द करते हुए चिन्हीत करें, द्वितीय दिन- निरीक्षण करके जो बिल बन्द हों वहाँ चिन्ह मिटा दें, जहाँ पर बिल खुले पायें वहाँ चिन्ह रहने दें, खुले बिल में एक भाग सरसों का तेल एवं 48 भाग भुने दाने का चारा बिना जहर मिलाये बिल मे रखें, तीसरे दिन- बिलों का निरीक्षण कर बिना जहर का चारा पुनः रखें, चौथा दिन- जिंक फास्फाइड 80 प्रतिशत की 1.0 ग्राम मात्रा सरसों का तेल एवं 48 ग्राम भुने दाने में बनाये गये चारे को बिल में रखें, पॉचवे दिन- बिलों का निरीक्षण करें एवं मरे हुए चूहों को एकत्र कर जमीन में गाड़ दें तथा छठवें दिन- बिलों का पुनः बन्द करें तथा अगले दिन यदि बिल खुले पाये जाये तो उपरोक्त कार्यक्रम पुनः अपनायें।

उन्होने बताया कि योजना के पश्चात बिल खुले पाए जाए उक्त दशा में पुनः 06 दिवसीय योजना को दोहराये, जमे हुए पानी में मच्छरों के प्रजनन को रोकने और नहरों तथा तलाबो के किनारे उगी वनस्पतियों को प्रत्येक पखवाडे हटाये मच्छर रोधी पौधे लगायें जैसे रोजमेरी, सिट्रोनेलाग्रास, गेंदा, केटनिप, एग्रेटम, होर्समिन्ट, नीम लैवेन्डर, लेमनवाम, लौंग, तुलसी आदि को लगाए, कृषक किसी भी कीट, रोग व खरपतवार की समस्या के निवारण हेतु व्हाट्सएप नं. 9452247111 अथवा 9452257111 पर प्रभावित पौधों की फोटो सहित अपनी समस्या व पता लिखकर मैसेज भेजकर 48 घण्टे के अन्दर निदान हेतु सुझाव प्राप्त करें तथा निकटतम विकास खण्ड स्तर पर प्रभारी राजकीय कृषि रक्षा इकाई अथवा जनपद स्तर पर कृषि रक्षा अधिकारी कार्यालय से सम्पर्क करें।

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