जनपद में कहीं भी मिलावटी, खुली खाद्य सामग्री, पेय पदार्थ की बिक्री न हो, जन सामान्य को शुद्ध, सुरक्षित खाद्य सामग्री हो मुहैया- जिलाधिकारी

ब्यूरो चीफ मनोज कुमार शर्मा मैनपुरी

 

शासकीय कार्यालयों, विद्यालयों, प्रतिष्ठानों के आसपास के ठेले वालों की नियमित जांच हो, अद्योमानक खाद्य सामग्री की बिक्री न हो सुनिश्चित किया जाए-अविनाश

मैनपुरी 29 जून मिलावटी, अद्योमानक खाद्य पदार्थों की बिक्री किसी दशा में न हो, बरसात के मौसम को दृष्टिगत रखते हुए मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री रोकने के लिए निरंतर प्रवर्तन की कार्यवाही की जाये, खुले पेय पदार्थ की बिक्री किसी दशा में न हो, शासकीय कार्यालयों, आवासीय विद्यालयों, अन्य प्रतिष्ठानों के आस-पास के दुकानदारों, हथठेले वालों की गहनता से जॉच हो, नियमित रूप से सेम्पिल लिये जायें, जो भी सेम्पिल जॉच हेतु भेजे जायें, उनकी रिपोर्ट समय से मंगाने की व्यवस्था हो, खाद्य सुरक्षा सम्बन्धी जो भी वाद विभिन्न न्यायालयों में लंबित हैं उन्हें प्राथमिकता पर निबटाया जाये, खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों, अद्योमानक खाद्य सामग्री की बिक्री में संलिप्त व्यक्तियों के विरूद्ध कठोरतम कार्यवाही की जाये, खाद्य निरीक्षक अपने-अपने क्षेत्र में निरतंर प्रवर्तन की कार्यवाही करे।

उक्त निर्देश जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने जिला खाद्य सुरक्षा एवं औषधि निगरानी समिति की बैठक में देते हुए खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों से कहा कि लोगों को अपमिश्रित खाद्यान्न सामग्री न मिले, बाजार में गुणवत्तायुक्त सामग्री की बिक्री हो इसके लिए निरंतर प्रभावी कार्यवाही की जाए। उन्होने खाद्य एवं औषधियों में अपमिश्रण रोकने के लिए की गयी कार्यवाही की जानकारी करने पर पाया कि खाद्य अनुभाग द्वारा चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 443 निरीक्षण, 65 छापे की कार्यवाही कर 77 नमूने संग्रहित कर 91 वाद दायर किये गये, दायर वादों के सापेक्ष 16 वाद निर्णित कर 06 लाख 45 हजार रू. जुर्माना वसूला गया, अब तक 41 बड़े एवं 635 छोटे खाद्य प्रतिष्ठानों के लाइसेंस जारी किये गये। जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि आमजन को मिलावट की पहचान, खाद्य पदार्थों के प्रयोग, रख-रखाव हेतु निरतंर जागरूकता अभियान संचालित किये जा रहे हैं, जागरूकता अभियान के अन्तर्गत 280 उपभोक्ताओं एवं 476 स्कूलीें बच्चों को जागरूक किया गया है साथ ही खाद्य कारोबारकर्ताओं को कार्यशाला आयोजित कर भोजन को स्वच्छ बनाने, रखने, कच्चे माल में मिलावट की पहचान के तरीके 60 खाद्य कारोबारकर्ताओं को बताये गये।

जिलाधिकारी ने खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा कि सामुदायिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर प्रसूताओं, मरीजों को उपलब्ध कराये जा रहे नाश्ते-खाने की गुणवत्ता की जॉच करें, जनपद में संचालित आवासीय विद्यालयों में भी खाद्य सामग्री के नमूने लिये जायें, सभी मरीजों, प्रसूताओं, विद्यार्थियों को उच्च क्वालिटी का खाना मुहैया हो, सभी स्वास्थ्य केन्द्रों, संचालित आवासीय विद्यालयों का एफ.एस.एस.आई. में पंजीकरण कराया जाये, खाद्य निरीक्षक नियमित रूप से अपने-अपने क्षेत्र में प्रवर्तन कार्य बढ़ाकर अद्योमानक खाद्य सामग्री की बिक्री रोकें, चाय-समोसा-पकौड़ी विक्रेताओं पर खास नजर रखी जाये, वर्षा के मौसम में खराब खाद्य सामग्री के कारण किसी व्यक्ति को विषम परिस्थितियों का सामना न करना पड़े।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी नेहा बंधु, अपर जिलाधिकारी राम जी मिश्र, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आर.सी. गुप्ता, सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा डा. टी.आर. रावत, खाद्य सुरक्षा अधिकारी राजीव कुमार, सनोज कुमार, डी.के. वर्मा, प्रदीप कुमार, जयदीप मौर्या आदि उपस्थित रहे, बैठक का संचालन मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी डा. ए.के. पाठक ने किया

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