प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजनान्तर्गत प्राप्त आवेदन प्राथमिकता पर निबटाए जाएं, दर्जी, राज मिस्त्री, बढ़ई को वरियता दी जाये- अविनाश

मनोज कुमार शर्मा मैनपुरी

मैनपुरी 26 जून, 2024- जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की समीक्षा करते हुये कहा कि यह महत्वाकांक्षी योजना पारम्परिक कारीगरों और शिल्पकारों की आजीविका की संभावनाओं को बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध होगी। उन्होने कहा कि योजना के तहत हुनरमंदों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसके अन्तर्गत 18 प्रकार के व्यवसाय से सम्बन्धित परम्परागत कारीगरों को लाभान्वित कराया जाये, योजना का लाभ प्रदान करने में बढ़ई, राज मिस्त्री, दर्जी कारीगरों को वरियता प्रदान की जाये। उन्होने अधिशाषी अधिकारी नगर निकाय को आदेशित करते हुये कहा कि शहरी क्षेत्र में पीएम विश्वकर्मा योजना के प्राप्त आवेदनों को प्राथमिकता पर निस्तारित करें, ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम प्रधान प्राथमिकता पर आवेदनों को स्वीकृत कर भेजें, खंड विकास अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में पीएम विश्वकर्मा योजना के आवेदनों की समीक्षा करें, किसी भी स्तर पर कोई भी आवेदन पत्र लंबित न रहे, सुनिश्चित किया जाये, जानकारी करने पर उपायुक्त उद्योग ने बताया कि जनपद में पीएम विश्वकर्मा के 18 टेªडों में 11700 पंजीकरण हो चुके हैं, इनमें से 4031 आवेदन प्रथम चरण मैं ग्राम प्रधानों तथा नगर पालिका, नगर पंचायत के स्तर से सत्यापित होकर द्वितीय चरण पर आ चुके हैं।

उप निदेशक एम.एस.एम.ई. मंत्रालय भारत सरकार बृजेश यादव ने पीएम विश्वकर्म योजना के सम्बन्ध में जानकारी देते हुये बताया कि कारपेन्टर, नांव बनाने वाले, अस्त्र बनाने वाले, लोहार, हथौड़ा व टूलकिट निर्माता, ताला बनाने वाले, मूर्तिकार, सुनार, कुम्हार, मोची, राजमिस्त्री, डलिया-चटाई, टोकरी बुनकर, पारम्परिक गुडिया, खिलौना बनाने वाले, नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी, मछली का जाल बनाने वालों के कौशल वृद्धि हेतु कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। उन्होने योजनांतर्गत लाभार्थियों को मिलने वाले लाभ टूल किट तथा डिजिटल ट्रांजेक्शन पर प्राप्त होने वाले इंसेंटिव की भी जानकारी दी, साथ ही यह भी बताया गया कि दर्जी और राजमिस्त्री ट्रेड में बहुत अधिक आवेदन प्राप्त हुये हैं, जिसके लिए सत्यापन कराया जाना आवश्यक है।

उपायुक्त उद्योग उत्कर्ष चन्द ने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना पर विस्तार से जानकारी देते हुये बताया कि लाभार्थियों की पात्रता उपर्युक्त परम्परागत 18 व्यवसाय से सम्बन्धित होना चाहिये, आवेदक की आयु 18 वर्ष से कम न हो, एक परिवार से एक ही व्यक्ति द्वारा इस योजना का लाभ लिया जा सकेगा यदि परिवार में कोई सरकारी नौकरी है तो वह इस योजना हेतु पात्र नही होगा, योजना के तहत कौशल विकास प्रशिक्षण, टूलकिट का लाभ कम ब्याज दर पर ऋण डिजिटल लेन-देन के लिये इन्सेन्टिव और मार्केटिंग सपोर्ट का लाभ परम्परागत कारीगरों को प्राप्त होगा।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी नेहा बंधु, जिला पंचायत अधिकारी तुलसी राम, अग्रणी जिला प्रबंधक रामचंद्र साहा, कौशल विकास मिशन के जिला समन्वयक रवि भूषण के अलावा समिति के सदस्य प्रदीप चौहान, बलवीर धनगर, गौरव शाक्य, समस्त अधिशाषी अधिकारी नगर निकाय आदि उपस्थित रहे।

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