बीएएमएस डॉक्टरों को लिंगानुपात के लिए जिम्मेदार ठहराने पर नीमा रेवाड़ी एनसीआर का विरोध

राजेश भारद्वाज स्टेट हेड हरियाणा

 

रेवाड़ी: हरियाणा में गिरते लिंगानुपात को लेकर स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक द्वारा बीएएमएस डॉक्टरों, विशेष रूप से महिला चिकित्सकों को जिम्मेदार ठहराए जाने पर नीमा (नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन) रेवाड़ी एनसीआर ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है।

 

नीमा रेवाड़ी एनसीआर के सभी सदस्यों ने एक सुर में कहा कि राज्य के बीएएमएस चिकित्सक न केवल सभी सरकारी योजनाओं में सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं, बल्कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान को भी पूरी निष्ठा से आगे बढ़ा रहे हैं। संगठन ने स्पष्ट किया कि उनके किसी भी सदस्य का लिंग जांच, भ्रूण हत्या, एमटीपी किट की अवैध बिक्री या भंडारण से कोई संबंध नहीं है।

 

नीमा हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. विश्वजीत सिंह फौगाट ने कहा कि संगठन की नीति शुरू से ही स्पष्ट रही है – कोई भी चिकित्सक यदि गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल पाया जाता है, तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और न ही संगठन का कोई सहयोग मिलेगा।

 

संगठन ने हरियाणा सरकार और स्वास्थ्य विभाग से आग्रह किया कि बिना किसी ठोस प्रमाण के बीएएमएस डॉक्टरों को बदनाम न किया जाए। नीमा सदस्यों ने मांग की है कि लिंगानुपात गिरने के वास्तविक कारणों की निष्पक्ष जांच की जाए और सभी पक्षों को समान रूप से परखा जाए।

 

नीमा रेवाड़ी ने आश्वासन दिया कि राज्य के स्वास्थ्य अभियान और योजनाओं को सफल बनाने में वे पूरी तरह वचनबद्ध और सहयोग को तत्पर हैं।

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