जम्मू मै तीर्थ यात्रियों पर हुए कायराना हमले मै मथुरा की लक्ष्मी और मीरा के लगी गोलियां

गोपाल चतुर्वेदी ब्यूरो चीफ मथुरा

 

जम्मू के रियासी में आतंकियों द्वारा श्रद्धालुओं से भरी जिस बस पर अंधाधुंध गोलियां बरसाकर हमला किया था। उस बस में मथुरा के राया निवासी दो महिलाएं लक्ष्मी और मीरा भी सवार थीं। यह दोनों आपस में सगी बहन व जेठानी-देवरानी भी हैं। राया के गांव भैसारा में इनकी ससुराल है। लक्ष्मी के पेट और मीरा के कंधे में गोली लगी है। घटना की जानकारी मिलते गांव में शुभचिंतकों की भीड़ एकत्रित हो गई। पुलिस भी पीड़ित परिवार से मुलाकात को पहुंची। इधर, परिवार से कुछ लोग जम्मू के लिए रवाना हो गए।

हमले में राया के गांव भैसारा निवासी लक्ष्मी पत्नी स्वः लक्ष्मण सिंह और उनकी सगी बहन एवं देवरानी मीरा पत्नी रोहित शर्मा घायल हैं। मीरा करीब दस साल से ग्रेटर नोएडा में परिवार के साथ रहती है। वहीं, लक्ष्मी अपने बेटा प्रशांत और बेटी पायल के साथ गांव में ससुर आदि के साथ रहती हैं। 3 जून को लक्ष्मी अपने जेठ और देवर के पास ग्रेटर नोएडा गई थी। वहां से बहन मीरा और काॅलोनी के लोगों के साथ 6 जून को धार्मिक यात्रा पर जम्मू गईं थीं।

इस हमले में लक्ष्मी के पेट में गोली लगी है और मीरा के कंधे पर छर्रे लगे हैं। दोनों की हालत में सुधार है। अब वह नारायण हॉस्पिटल, कटरा में भर्ती हैं। बताया गया कि बस में 43 यात्री थे। शिवा खेड़ी से दर्शन कर लौट रहे थे तभी आतंकियों ने हमला कर दिया। सीओ महावन भूषण वर्मा ने बताया कि पुलिस ने गांव जाकर घायल महिलाओं के परिजनों से वार्ता की है। महिलाओं के संबंध में जम्मू प्रशासन से भी संपर्क बनाए हुए हैं।

आतंकियों की गोली से घायल लक्ष्मी और मीरा से परिजनों के माध्यम से फोन पर वार्ता हुई। उन्होंने बताया कि शिवखोड़ी के दर्शन कर कटरा जा रहे थे। बस में भजन-कीर्तन चल रहे थे। अचानक से गोलियां चलने की आवाज आई और बस खाई में जा गिरी। इसके बाद पांच से सात मिनट तक बस पर फायरिंग होती रही। इसी बीच एक गोली खिड़की के पास बैठी लक्ष्मी के पेट में जा लगी। वहीं, मीरा कंधे में गोली लगने और छर्रे लगने के बाद खाई में जा गिरीं। लक्ष्मी बताती हैं कि वह पेट से खून को निकलते देख बेहोश होने लगीं। बस में लोग करीब एक से दो मिनट पर चीखे। इसके बाद जैसे ही सेना की वर्दी में आतंकियों द्वारा हमले की बात समझ में आई लोग नीचे की ओर छिप गए और चुप्पी साध ली, जिनके गोली लग रही थी, वह चीख उठते थे। करीब पांच से सात मिनट तक गोली चलाने के बाद आतंकी भाग गए। एक पल तो लगा कि आज जिंदा नहीं रहूंगी। लक्ष्मी बताती हैं कि कुछ समय बाद स्थानीय लोग आए। उन्हें बाहर निकाला गया। उस समय इतना होश था कि बस के अंदर का दृश्य देख सकूं। बहुत ही भयानक था। श्रद्धालुओं के लिए यह हादसा किसी खौफ से कम नहीं था। चारों ओर खून बिखरा था। लोग करहा रहे थे। आधे से ज्यादा लोग बेहोश हो गए थे।

लक्ष्मी और मीरा के ससुर इंद्रजीत ने बताया कि रविवार को फोन आया था कि बस पर हमला हो गया है, मीरा और लक्ष्मी घायल हैं। घटना की जानकारी मिलते ही परिजन बेचैन हो गए और लगातार फोन के माध्यम से उनसे संपर्क में रहे। वहीं, गांव व रिश्तेदारी में जिस को भी घटना की जानकारी हुई। वह उनके घर की ओर दौड़ा चला आया। वहीं, सोमवार को घटना की सूचना मिलते ही क्षेत्राधिकारी महावन भूषण वर्मा, राया निरीक्षक अशोक कुमार मय फोर्स के साथ गांव पहुंचे और परिवार के लोगों से बातचीत कर घायलों की हालत के संबंध में जानकारी की।

धार्मिक यात्रा पर गई मां लक्ष्मी आतंकियों की गोली लगने से घायल होने की जानकारी होते ही उनके बेटे प्रशांत की तबीयत बिगड़ गई। प्रशांत को परिजनों ने जैसे-तैसे संभाला। प्रशांत ने बताया कि उसके सिर से पिता का साया दस साल पहले उठ गया और अब मां गोली लगने से घायल हो गई। छोटी बहन पायल ननिहाल, परखम गई थी। वह भी मां और चाची पर हमले की जानकारी के बाद गांव लौट आई।

जम्मू में हुए आतंकी हमले को लेकर अखिल भारत हिन्दू महासभा में भी भारी आक्रोश भरा हुआ है अखिल भारत हिन्दू महासभा के ब्रज प्रांत अध्यक्ष गोपाल चतुर्वेदी ने इसे कायराना पूर्ण हरकत बताते हुए कहा हर बार हमले हिंदुओ की तीर्थ यात्रा पर ही क्यों होते रहते है जबकि दूसरे धर्म की यात्रा पर सरकार सभी इंतजाम करती है यहां तक हज यात्रा पर जाने वालों पर फूलों की बरसात होती है और हिंदुओ की यात्रा पर हर बार खतरा बना रहता है। साथ ही मथुरा के अनेक लोग भी बेहद आक्रोशित हैं। उनका कहना है कि आतंकियों को इस घटना का करारा जवाब मिलना चाहिए। गांव भैसारा निवासी सुबोध शर्मा का कहना है कि जिस प्रकार सेना की वर्दी में आतंकियों ने हमला किया है वह बेहद शर्मनाक है इस घटना का उन्हें करारा जवाब मिलना चाहिए। घायल महिलाओं के ससुर इंद्रजीत ने बताया कि उनका परिवार कई सालों से धार्मिक यात्रा पर जाता रहा है।

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